Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे
तिनियमादिकमपेक्ष्याणुत्वमपि न संभवति कुतस्तेषां चन्द्रसूर्यैः सह तुल्यखमिति प्रथमद्वारम् १ । सम्प्रति-द्वितीयं द्वारं प्रश्नयितुनाह - ' एगमेगस्स णं भंते' इत्यादि, 'एगमेगस्स णं भंते ! चंदस्स' एकैकस्य खलु भदन्त ! चन्द्रस्य 'केवइया महग्गहा परिवारो' कियन्तःकियत्संख्यका महाग्रहाः भौमादयः परिवारः परिवाररूपा भवन्ति, तथा - 'केवइया णक्खत्ता परिवारों' कियन्ति-कियत्संख्यकानि नक्षत्राणि परिवार: परिवारभूतानि भवन्ति तथा'केवइया तारागण कोडाकोडीओ पन्नत्ताओ' कियत्यः कियत्संख्यकास्तारागण कोटाकोटयः परिवाररूपाः प्रज्ञप्ताः - कथिता इति प्रश्नः, भगवानाह - 'गोयमा' इत्यादि, 'गोयमा' हे गौतम ! ' अट्ठासीइ महग्गहा परिवारो' अष्टाशीतिर्महाग्रहाः परिवारः, है गौतम ! एकैकस्य चन्द्रस्य प्रत्येकमष्टाशीति संख्यका महाग्रहा भौमादयः परिवारभूताः प्रज्ञप्ता स्तथा - 'अट्ठावीसं णक्खत्ता परिवारो' अष्टाविंशतिरष्टाविंशति संख्यकानि नक्ष
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नहीं होता है तात्पर्य यही है कि अकाम निर्जरादि के योग से देवत्व पद की प्राप्ति होने पर भी देवर्द्धि के अलाभ होने के कारण उन देवों में चन्द्र सूर्यादिकों से पति विभवादिक की अपेक्षा लेकर अणुत्व की भी संभावना जब नहीं होती है तब उनके साथ तुल्यता की बात तो कैसे विचारित हो सकती है।
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प्रथम द्वार कथन समाप्त | द्वितीय द्वार कथन
'एगमेगस्स णं भंते ! चंदस्स केवइया महग्गहा परिवारो' हे भदन्त ! एक एक चन्द्र के परिवार रूप भौमानिक महाग्रहः कितने हैं ? 'केवइया णक्खत्ता परि'चारा' तथा कितने परिवारभूत नक्षत्र हैं ? तथा-' - 'केवइया तारागणको डाकोडीओ' कितनी तारागणों की कोटी कोटी परिवार भूत हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभु कहते हैं - 'गोयमा ! अट्ठासीह महग्गहा परिवारो' हे गौतम! एक एक चन्द्र के
દેવાના સંબધમાં અણુત્વ અને તુલ્યત્વના વિચાર જ થતા નથી. તાત્પર્ય એ છે કે અકામ નિરાદિના ચેગથી દૈવત્વપદની પ્રાપ્તિ થવા છતાં પણ દેવદ્ધિના અલાભ હાવાના કારણે તે દેવામાં ચન્દ્રસૂર્યાદિકાથી ધ્રુતિ વિભાદિકની અપેક્ષા લઈને અણુત્વની પણ શકયતા જ્યારે હોતી નથી ત્યારે તેમની સાથે તુલ્યતાની વાત તેા કઇ રીતે વિચારણામાં લઇ શકાય ?
પ્રથમદ્વાર કથન સમાપ્ત
દ્વિતીયદ્વાર કથન
' एगमेगस्स णं भंते! चंदस्स केवइया महग्गहा परिवारों' हे लहन्त ! ! ! यन्द्रना परिवार ३५ लोभादिङ महाश्रड डेंटला छे ? 'केवइया णक्खत्ता परिवारा' तथा डेंटला परिवारलूत नक्षत्र हे ? तथा 'केवइया तारागणकोडाकाडीओ' डेटसां तारागणोनी छोटानडोटी પરિવારભૂત ? या प्रश्नना उत्तरमा प्रभु डे छे - 'गोयमा ! अट्ठासीइ महग्गहा परिवारों' हे गौतम! मेड मे यन्द्रना परिवार३य लोभाहि महाग्रह ८८ छे तथा - 'अट्ठावीसइ
જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર