Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे
रात्रान् नयति-परिसमापयति, 'पुच्वाभद्दवया अट्ठअहोर ते णेइ' पूर्वभाद्रपदा नक्षत्रं भाद्रपद मासस्याष्टौ अहोरात्रान् नयति - परिसमापयति, 'उत्तरभद्दवया एगं' उत्तर भद्रपदा नक्षत्रमेक महोरात्रं नयति, तदेवं संकलनया चत्वारि नक्षत्राणि भाद्रपदमासं परिसमापयन्तीति । 'तंसि चणं मासंसि तस्मिथ खलु मासे 'अहंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियह' अष्टागुलपौरुष्या अष्टाङ्गुलाधिकपौरुष्या छायया सूर्योऽनु पर्यटते- अनुपरावर्तते, एतदेव दर्शयति 'तस्स' इत्यादि, 'तस्स मासस्स चरिमे दिवसे' तस्य मासस्य तस्य भाद्रपदमासस्य चरमे पर्यवसानदिवसे ' दोपया अट्ठय अंगुला पोरिसी भवइ' द्वे पदे अष्टौ चाङ्गुलानि पौरुषी भवति । अथ तृतीयमासं पृच्छति - ' वासाणं भंते' इत्यादि, 'वासाणं भंते 12 वर्षाणां भदन्त ! 'तइयं मासं कइ णक्खत्ता ति' तृतीयमाश्विनलक्षणमासं कति - कियत्संख्यकानि जो नक्षत्र है वह १४ अहोरातों का परिसमापक होता है 'सर्याभिसया सत्त अहोरते णेइ' शतभिषक् नक्षत्र सात अहोरातों का परिसमापक होता है 'पुण्यभद्दवया अट्ठ अहोर ते णेह' पूर्वभाद्रपदा आठ अहोरातों का परिसमापक समाप्त करने वाला होता है 'उत्तर भद्दवया एगं' और उत्तरभाद्रपदा एक अहोरात का परिसमापक होता है। इस प्रकार से ये चार नक्षत्र भाद्रपद मास की परिसमाप्ति करने वाले होते हैं । 'तंसि च णं मासंसि अट्ठ गुल पोरिसीए छायाए सुरिए अणुपरिथ' इस महीने में आठ अंगुल अधिक पौरुषी रूप छाया से युक्त हुआ सूर्य परिभ्रमण करता है। यही बात सूत्रकार ने इन सूत्रों द्वारा प्रकट की है 'तस्स मासस्स चरिमे दिवसे दो पया अट्ठय अंगुला पोरिसी भवइ' उस मास के अन्तिम दिन में दो पदों वाली और आठ अंगुलों वाली पौरुषी होती है ।
'वासाणं भंते! तइयं मासं कइ णक्खत्ता णेंति' हे भदन्त ! वर्षाकाल के तृतीयमास को - आश्विनमास को कितने नक्षत्र समाप्त करते हैं ? इसके उत्तर में चउदस अहोर ते णेइ' ? धनिष्ठा नक्षत्र छे ते १४ महारात्रिनु परिसमाया होय छे 'सयभिसया सत्त अहोरते णेइ' शतभिषा नक्षत्र सात महारात्रिनु परिसभा समाप्त नाई होय छे. 'पुव्वभद्दवया अट्ठ अहोरत्ते णेइ' पूर्वभाद्रपदा मा महारात्रियना परिसभा-समाप्त नाई होय छे. 'उत्तरभदवया एगं' भने उत्तरभाद्रपहा महे રાત્રિનું પરિસમાપક હોય છે. આ પ્રકારે આ ચાર નક્ષત્ર ભાદ્રપદ માસની પરિસમાપ્તિ
वावाजा छे. 'तंसि च णं मासंसि अट्ठगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अणुपरियट्टइ' भा મહિનામાં આઠ આંગળ અધિક પૌરૂષી રૂપ છાયાથી યુક્ત થયેલા સૂર્ય પરિભ્રમણ કરે या वात सूत्र या सूत्रो द्वारा प्रष्ट उरी छे - ' तरस मासस्स चरिमे दिवसे दो पया अय अंगुला पोरिसी भवइ' ते भहिनाना छेटला दिवसे मे यहोवाजी तेमन मा આંગળવાળી પૌરૂષી હાય છે.
'वासाणं भंते! तइयं मासं कइ णाखत्ता णें ति' के लहन्त ! वर्षाभणना तृतीय भासनेग्याविन भासने-उदल नक्षत्र समाप्त करे छे ? खाना वामां अलु हे छे - 'गोयमा !
જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર