Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text
________________
ग्यारहवाँ भाषापद ]
अभिण्णाइं णिसिरति ?
गोमा ! भिण्णाइं पि णिसिरति, अभिन्नाइं पि णिसिरति । जाई भिण्णाइं णिसिरति ताई अनंतगुणपरिवड्डी परिवड्ढमाणाइं परिवड्ढमाणाइं लोयंतं फुसंति । जाई अभिण्णाई णिसिरति ताई असंखेज्जाओ ओगाहणवग्गणाओ गंता भेयमावज्जंति, संखेज्जाइं जोयणाइं गंता विद्धंसमागच्छंति ।
[८८० प्र.] भगवन् ! जीव भाषा के रूप में गृहीत जिन द्रव्यों को निकालता है, उन द्रव्यों को भिन्न (भेदप्राप्त - भेदन किए हुए को) निकालता है, अथवा अभिन्न (भेदन नहीं किए हुए को) निकालता है ?
[ ९१
[८८० उ. ] गौतम ! (कोई जीव) भिन्न द्रव्यों को निकालता है, (तो कोई ) अभिन्न द्रव्यों को भी निकालता है। जिन भिन्न द्रव्यों को (जीव) निकालता है, वे द्रव्य अनन्तगुणवृद्धि से वृद्धि को प्राप्त होते हुए लोकान्त को स्पर्श करते हैं तथा जिन अभिन्न द्रव्यों को निकालता है, वे द्रव्य असंख्यात अवगाहनवर्गणा तक जाकर भेद को प्राप्त हो जाते हैं। फिर संख्यात योजनों तक आगे जाकर विध्वंस को प्राप्त हो जाते हैं ।
८८१. तेसि णं भंते ! दव्वाणं कतिविहे भेए पण्णत्ते ?
• गोयमा ! पंचविहे भेए पण्णत्ते । तं जहा अणुतडियाभेए ४ उक्करियाभेए ५ ।
[८८१ प्र.] भगवन् ! उन द्रव्यों के भेद कितने प्रकार के कहे गए हैं ?
[८८१ उ.] गौतम ! भेद पांच प्रकार के कहे गए हैं ? वे इस प्रकार - (१) खण्डभेद, (२) प्रतरभेद, (३) चूर्णिकाभेद, (४) अनुतटिकाभेद और (५) उत्कटिका (उत्करिका) भेद ।
८८२. से किं तं खंडाए ।
-
खंडाभेए १ पतराभेए २ चुण्णियाए ३
२. जण्णं अयखंडाण वा तउखंडाण वा तंबखंडाण वा सीसगखंडाण वा रययखंडाण वा जायरूवखंडाण वा खंडएण भेदे भवति । से तं खंडाभेदे ।
[८८२ प्र.] वह (पूर्वोक्त) खण्डभेद किस प्रकार का होता है ?
[८८२ उ.] खण्डभेद (वह है), जो (जैसे) लोहे के खंडों का, रांगे के खंडों का, तांबे के खंडों का, शीशे के खंडों का, चांदी के खंडों का अथवा सोने के खंडों का, खण्डक (टुकड़े करने वाले औजार- हथौड़े आदि) से भेद (टुकड़े) करने पर होता है। यह हुआ उस खण्डभेद (का स्वरूप।)
८८३. सं किं तं पयराभेदे ?
२. जण्णं वंसाण वा वेत्ताण वा णलाण वा कवलित्थंभाण वा अब्भपडलाण वा पयरएणं ए भवति । से त्तं पयराभेदे ।