Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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इक्कीसवाँ अवगाहना-संस्थान - पद ]
अं. अ.भा
३. गर्भज पर्याप्त अपर्याप्त के औ.श. की
१०. जलचर पति के औदारिकशरीर की
जलचर ३. औधिक पर्याप्तक अपर्याप्तक के औदारिकशरीर
जलचर ३, सम्मूच्छिम पर्याप्तक अपर्याप्तक
के औदारिकशरीर की
जलचर ३. गर्भज पर्याप्तक अपर्याप्तक के औदारिकशरीर की
११. स्थलचर प. ति के औधिक के औ. श. की
स्थलचर चतुष्पद पति के, पर्याप्तक, गर्भज, पर्यापतक के औदारिकशरीर की
स्थलचर चतुष्पद सम्मुच्छिम प. ति. के,
पर्याप्त के औदारिकशरीर की
स्थलचर उरः परिसर्प प. ति. के औधिक, गर्भज, पर्याप्तक के औदारिकशरीर की
भुजपरिसर्प पति के औधिक, गर्भज, सम्मूच्छिम के औदारिकशरीर की
१२. खेचर प. ति. के औधिक, गर्भज, सम्मूच्छिम के औदारिकशरीर की
१३. मनुष्यों के औधिक, पर्याप्तक के औ. श. की
मनुष्यों के अपर्याप्तकों व सम्माच्छिहमों के
औदारिकशरीर की
मनुष्यों के गर्भजों तथा पर्याप्तकों के
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अंगुल का
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छह ि
छह गव्यूति अपर्याप्तक की पूर्ववत्
गव्यूतिपृथक्त्व, अपर्याप्तक की
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गव्यूति पृथक्त्व
योजनपृथक्त्व
धनुष्य पृथक्त्व
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तीन गव्यूति
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अंगुल का असंख्यातवाँ भाग