Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 500
________________ इक्कीसवाँ अवगाहना-संस्थान - पद ] जोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे । [१५१८-१ प्र.](भगवन् !) यदि तिर्यञ्चयोनिक - पञ्चेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है तो क्या सम्मूच्छिमतिर्यञ्चयोनिक- पञ्चेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा गर्भज - तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? [ ४७९ [उ.] गौतम ! सम्मूच्छिम तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर नहीं होता, (किन्तु) गर्भजतिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है । [२] जदि गब्भवक्वतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे किं संखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचें दियवेड व्वियसरीरे असंखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे ? गोयमा ! संखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउव्वियसरीरे, णो असंखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेउव्वियसरीरे । .[१५१८-२ प्र.](भगवन् !) यदि गर्भज - तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है तो क्या संख्यात वर्ष की आयु वाले गर्भज - तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा असंख्यात वर्ष की आयु वाले गर्भज-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? [उ.] गौतम ! संख्यात वर्ष की आयु वाले गर्भज - तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है, (किन्तु ) अंसख्यात वर्ष की आयु वाले गर्भज - तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर नहीं होता है । [३] जदि संखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे किं पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयगब्भवक्कं तियतिरिक्खजोणियपंचें दियवेड व्वियसरीरे अपज्जत्तग संखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे ? गोयमा ! पज्जत्तगसंखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे, णो अपज्जत्तगसंखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे । [१५१८-३ प्र.](भगवन् !) यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले गर्भज - तिर्यञ्चयोनिकपंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है, तो क्या पर्याप्तक- संख्यातवर्षायुष्क- गर्भज- तिर्यञ्च-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा अपर्याप्तक-संख्यातवर्षायुष्क-गर्भज- पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? . [उ.] गौतम ! पर्याप्तक- संख्यातवर्षायुष्क- गर्भज - तिर्यञ्च - पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है, किन्तु अपर्याप्तक-संख्यातवर्षायुष्क- गर्भज - तिर्यञ्च पञ्चेन्द्रियों के वैक्रियशरीर नहीं होता है । [४] जदि संखेज्जवासाउयगब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचें दियवेडव्वियसरीरे किं

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