Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 499
________________ [ प्रज्ञापनासूत्र ४७८ ] वैक्रियशरीर होता है, अथवा यावत् देव-पंचेन्द्रिय के वैक्रियशरीर होता है ? [उ.] गौतम ! नारक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है यावत् देव - पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है । १५१७. [ १ ] जदि णेरइयपंचेंदियवेउव्वियसरीरे किं रयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेउव्वियसरीरे जाव किं अहेसत्तमापुढविणेरइयपंचेंदियवेडब्जियसरीरे ? गोयमा ! रयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेडव्वियसरीरे वि जाव किं अहेसत्तमापुढविणेरइयपंचेंदियवेडव्वियसरीरे वि । [१५१७-१ प्र.](भगवन् !) यदि नारक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है तो क्या रत्नप्रभा - पृथ्वी के नारक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा यावत् अधः सप्तमपृथ्वी के नारक - पंचेन्द्रियों के वैक्रिायशरीर होता है ? [उ.] गौतम ! रत्नप्रभापृथ्वी के नारक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है और यावत् अधः सप्तमपृथ्वी के नैरयिक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है । [ २ ] जदि रयणप्पभापुढविणेरइयपंचें दियवेड व्वियसरीरे किं पज्जत्तगरयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेडव्वियसरीरे अपज्जत्तगरयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेडव्वियसरीरे ? गोयमा ! पज्जत्तगरयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेडव्वियसरीरे वि अपज्जत्तगरयणप्पभापुढविणेरइयपंचेंदियवेडव्वियसरीरे वि । [१५१७-२ प्र.](भगवन् !) यदि रत्नप्रभापृथ्वी के नैरयिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है तो क्या रत्नप्रभा पृथ्वी के पर्याप्तक नैरयिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है अथवा रत्नप्रभापृथ्वी के अपर्याप्तक नैरयिक-पंचेन्द्रियों के वैक्रियशरीर होता है ? [उ.] गौतम ! रत्नप्रभापृथ्वी के पर्याप्तक नैरयिक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है और रत्नप्रभा पृथ्वी अपर्याप्त नैरयिक-पंचेन्द्रियों के भी वैक्रियशरीर होता है । [ ३ ] एवं जाव अहेसत्तमाए दुगतो भेदो भाणियव्वो । [ १५१७-३] इसी प्रकार शर्कराप्रभापृथ्वी के नैरयिक-पंचेन्द्रियों से लेकर अधः सप्तमपृथ्वी के नैरयिकपंचेन्द्रियों के पर्याप्तक और अपर्याप्तक दोनों भेदों में वैक्रियशरीर होने का कथन करना चाहिए? १५१८. [ १ ] जदि तिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे किं सम्मुच्छिमतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे गब्भवक्कंतियतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे ? गोमा ! णो सम्मुच्छिमतिरिक्खजोणियपंचेंदियवेडव्वियसरीरे, गब्भवक्कंतियतिरिक्ख

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