Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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अठारहवाँकायस्थितिपद]
[३६३ [१२८० प्र.] भगवन् ! एकेन्द्रिय-पर्याप्तक कितने काल तक एकेन्द्रिय-पर्याप्तरूप में बना रहता है ?
[१२८० उ.] गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट संख्यात हजार वर्षों तक (वह एकेन्द्रिय-पर्याप्तक रूप में बना रहता है।)
१२८१. बेइंदियपजत्तए णं भंते ! बेइंदियपज्जत्तए त्ति ० पुच्छा? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहूत्तं, उक्कोसेणं संखेजाइं वासाई । [१२८१ प्र.] भगवन् ! द्वीन्द्रिय-पर्याप्तक, द्वीन्द्रिय-पर्याप्तक रूप में कितने काल तक रहता है ?
[१२८१ उ.] गौतम ! (वह) जघन्य अन्तर्मुहूर्त तक और उत्कृष्ट संख्यात वर्षों तक (द्वीन्द्रिय-पर्याप्तक रूप में रहता है।)
१२८२. तेइंदियपजत्तए णं भंते ! तेइंदियपजत्तए त्ति ० पुच्छा? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं रातिंदियाई । . [१२८२ प्र.] भगवन् ! त्रीन्द्रिय-पर्याप्तक, त्रीन्द्रिय-पर्याप्तकरूप में कितने काल तक बना रहता है ?
[१२८२ उ.] गौतम ! (वह) जघन्य अन्तर्मुहूर्त तक और उत्कृष्ट संख्यात रात्रि-दिन तक (त्रीन्द्रियपर्याप्तकरूप में रहता है।)
१२८३. चउरिदियपजत्तए णं भंते ! ० पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेजा मासा। [१२८३ प्र.] भगवन् ! चतुरिन्द्रिय-पर्याप्तक, चतुरिन्द्रिय-पर्याप्तकरूप में कितने काल तक रहता है ?
[१२८३ उ.] गौतम ! (वह) जघन्य अन्तर्मुहूर्त तक और उत्कृष्ट संख्यात मास तक (चतुरिन्द्रियपर्याप्तकरूप में बना रहता है।)
१२८४. पंचेंदियपजत्तए णं भंते ! पंचेंदियपजत्तए त्ति कालओ केवचिरं होड ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहत्तं । दारं ३॥ [१२८४ प्र.] भगवन् ! पंचेन्द्रिय-पर्याप्तक, पंचेन्द्रिय-पर्याप्तकरूप में कितने काल तक रहता है ?
[१२८४ उ.] गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त तक और उत्कृष्ट सौ पृथक्त्व सागरोपमों तक (पंचेन्द्रियपर्याप्त. पर्याय में रहता है।)
विवेचन - तृतीय इन्द्रियद्वार - प्रस्तुत १४ सूत्रों (सू. १२७१ से १२८४ तक) में सेन्द्रिय, निरिन्द्रिय तथा पर्याप्तक-अपर्याप्तक जीवों की उस पर्याय में अवस्थिति के विषय में निरूपण किया गया है।
सेन्द्रिय-निरिन्द्रिय - इन्द्रिययुक्त जीव को सेन्द्रिय और द्रव्येन्द्रिय-भावेन्द्रिय रहित जीव (सिद्ध) को