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प्रधवर
प्रधीत
अधवर-० [सं० अध्वर] १ यज्ञ । २ आकाश । ३ वायु । ६ ज्ञान । ७ कर्तव्य । ८ प्रभुत्व । ९ पद । १० स्थान ।
-वि० १ मीधा, सरल । २ अबाध या निरन्तर ११ राज्य । १२ नाटक में पात्र की विकसित स्थिति । चाने वाला।
१३ मुख्य नियम । १४ मान, प्रतिष्ठा । अथवाचर पृ० भ्रमर, भौंरा ।
अधिकारी वि० [मं०] १ हकदार, दावेदार । २ स्वामी, अधसाय पृ० श्रीकृष्ण।
मालिक । ३ कब्जा करने वाला । ---पू०-१किसी संस्था प्रधांम-वि० [सं० अ-धाम] १ जिसका कोई स्थान न हो। या विभाग का अफसर । २ शासक । ३ अधिकार प्राप्त
स्थान रहित । २ सर्वत्र मिलने वाला । --पु० परब्रह्म । व्यक्ति। ४ किसी कार्य के प्रति विशेष योग्यता वाला प्रधाप वि०१ अनुप्त, भूखा । २ देखो 'अधिप' ।
व्यक्ति । ५ प्रधान फल प्राप्त करने वाला नाटक का पात्र । अधायउ, (योड़ो, यौ)-वि० (स्त्री० अधायोड़ी) १ भूखा, अतृप्त । अधिकौ-देखो 'अधिक' । (स्त्री० प्रधिकी) २ असंतुष्ट । ३ बिना दौड़ा हुआ ।
अधिछिपत्र-वि० तंगड़ाया हुआ । अधार-देखो 'ग्राधार'।
अधिटौ-देखो 'प्राधेटौ'।
अधिदेव (ता)-पु० १ इष्टदेव, प्रधानदेव । २ पदार्थों के अधारणी (बौ)-देखो 'ग्राधारगी' (वौ)
अधिष्ठाता देवता, रक्षक देव । प्रधारमिक-वि० [सं० अनामिक] १ पापी, दुष्ट । २ नास्तिक।प्रशिटव-प० [सं अधिदेव] १दैविक । २ अाकस्मिक । ३ धर्म को न मानने वाला।
देखो 'अधिदैवत'। अधि-उप. मं शब्दों के पूर्व लगने वाला उपमर्ग जो ऊंचा, अधिदेवत-पु० [सं० अधिदैवतम] १किसी पदार्थ का अधिष्ठाता
ऊपर प्रमुख प्रादि अर्थों का बोध कराता है ।-करण- पु० देवता । २ अनेक पदार्थों में रहने वाला मूल तत्व । व्याकरण का सातवां कारक । -देव, देवता-पु० इष्टदेव, अधिप, (पत, पति, पती)-पू० [सं० अधिप, अधिपति] १ राजा । कुलदेवता । -नाथ, नायक-पु० स्वामी । मरदार । २ नायक, सरदार । ३ स्वामी, मालिक । ४ ईश्वर, प्रभु। - रति-स्त्री० अर्द्धरात्रि । --रथ-पु० रथ का गारथी। कर्गा का पिता । बड़ा रथ । -वि० अधिभत-पू० मब प्राणियों की नाम रूपात्मक नाशवान स्थिति ग्थारूढ़ ।-राज, राजा-पु०सम्राट, राजा । अधीक्षकः ।
का नाम । ---रोहण पू० चढ़ना, चढ़ाना, फहराना आदि की क्रिया। अधिमाख-देखो 'अधिकमास' । --वि० चढ़ने वाला । सवार होने वाला । ऊपर उठने अधियग-प० [सं० अधियज्ञः परमेश्वर । २ प्रधान यज्ञ । वाला। रोहरणी, रोहिणी-स्त्री० निसैगी । सीढ़ी। अधियांमण, (पौ)-देखो 'अधियावगी' । (स्त्री-अधियांमगी) जीना । लोक-पु० ससार । ब्रह्माण्ड ।-वर- अधियाळ-वि० प्राधा, अर्द्ध । देखो 'अधवर' । ----वात-पु० निवास स्थान । -स्त्री० अधियावरण, (पो)-वि० (स्त्री० प्रधियावणी) १ बोर, बहादुर । सुगंध । -वासी-१० मिवामी । -वेसन--पु० ममारोह, अधियावणी-स्त्री० कटार, कटारी। मभा।-सथान, स्थान-पृ० शहर, नगर ।।
प्रचंड, भयंकर । ३ ध्वंसकारी। अधिक, (उ, त)-वि० [सं०] १ बहुत, ज्यादा, विशेष। अधियो-पु० १ अर्द्ध भाग, प्राधा हिस्मा। २ गांव में प्राधी
२ बढ़कर । ३ उत्कृप्ट । ४ अतिरिक्त । ५ घना, गाढ़ा। पट्टी का जमींदार । ३ फनल का प्राधा भाग । ४ छोटी ६ विशिष्टतम । -अंस-वि० ज्यादातर । -जथा- रेलगाड़ी।-वि० प्राधा, अर्द्ध । देखो 'इधकजथा' । --तम-वि० सर्वाधिक । –तर-वि० अधिस्टाता, (स्ठाता)-वि० [सं० अधिष्ठाता] (स्त्री० अधिस्टात्री) अत्यधिक । -कि०वि० प्रायः । -ता-स्त्री० बाहल्य। १ अध्यक्ष । २ मुखिया, प्रधान । ३ रक्षक । ४ स्वामी। बढ़ोतरी, वृद्धि । -दंत, दंती, दंतौ-वि० अधिक दांत -पु०-ईश्वर, परमात्मा । वाला । --पु. एक प्रकार का अशुभ घोड़ा। अधिस्टात्री, (स्ठात्री)-स्त्री० [सं० अधिष्ठात्री] १ देवी, दुर्गा । -.-मास-पु० भारतीय ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक तीसरे २ देखो 'अधिस्टाता' (स्त्री०) वर्ष पड़ने वाला पुरुषोत्तम मास, मल-मास ।
अधिनपरणी, अधिस्रयणी स्त्री० [सं० अधिश्रपणी, अधिश्रमणी] अधिकाई-स्त्री० १ विशेषता । २ अधिकता । ३ महिमा। गुल्हा, अंगीठी । ४ वरपन ।
आधी-देखो 'अधि'। अधिकार-पु०- [सं०] १ हक, म्वत्व । २ कब्जा। अधीठ-देखो 'अंडीठ' ।
३ याधिपत्य, स्वामित्व । ४ शक्ति, मामथ्र्य । ५ योग्यता । | अधीत-वि० [सं०] पढ़ा हग्रा, पठित ।
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