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विषय
सूत्रांक
३३६
४३
३३७
३३७
४५-४६-४८
३४१
५१ से ५२
३४४ ३४६
५७ से ५६
क्रमांक ८. "न" और 'ज्ञ' के स्थान पर "!" की प्राप्ति
अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "ण' की प्राप्ति । 'मन्यु" शब्द में संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "न्त" की
वैकल्पिक प्राप्ति श्रमुक संयुक्त व्याजन के स्थान पर "ध की प्राप्ति "पर्यस्त'' में संयुक्त व्यञ्जनों के स्थान पर क्रम से "थ" और "ट" की प्राप्ति "आश्लिष्ट' में संयुक्त व्यजनों के स्थान पर क्रम से "ल" और "ध" की प्राप्ति "चिह्न" में संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर वैकल्पिक रूप से
- "ध" की प्राप्ति ६६ अमुक संयुक्त व्यजन के स्थान पर "प" की प्राप्ति ६७ अमुक संयुक्त व्याजन के स्थान पर "फ' की प्राप्ति ६८ अमुक संयुक्त व्यजन के स्थान पर "ब" की प्राप्ति
अमुक संयुक्त व्यंजन के स्थान पर "म" की प्राप्ति १०. "कश्मीर" में संयुक्त व्यंजन के स्थान पर "म्म" की
वैकल्पिक रूप से प्राप्ति १०१ अमुक संयुक्त व्यंजन के स्थान पर "म" की प्राप्ति १०२ अमुक संयुक्त व्यजन के स्थान पर "र" की प्राप्ति १०३ "यं" के स्थान पर 'रिअ-पर-रिज्ज-रीश्र" और "ल्ल' की
प्राप्ति का विधान १०४ अमुक संयुक्त व्यञ्जन के स्थान पर "स" की प्राप्ति
अमुक संयुक्त व्यन्जन के स्थान पर "ह" की प्राप्ति अमुक संयुक्त व्याजन के स्थान पर "म्ह, रह और ल्ह" को
प्राप्ति का विधान १०७ "क-ग-द-उ-तू-द्-प-श-प-स-क-प" के लोप होने का विधान
"म-न-य' और 'ल-ब-र" के लोप होने की विधि १०६ "र" का वैकल्पिक-लोप ११. "ग", "न", "ह" का वैकल्पिक लोप . १११ श्रादि "श", "श्व" और "त्र" की लोप-विधि १५२ शेष अथवा आदेश प्राप्त व्यञ्जन को "द्वित्व-प्राप्ति का विधान ११३ "द्वित्व-प्राप्त" व्यजनों में से प्राप्त पूर्व ध्यजन के स्थान पर
३४८
વેદ
६१ से ६१ ६३ से ६६
६७ से ६८
३५२
७० से ७३
१०६
७४ से ७६
३५५
३६४
२० से २१ ८२ से ८५ ८६ से १८