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पृष्ठांक २२१
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२२२ २२३ २२५ १२६
२३२
२३२
२४६ २५२
२५३
क्रमांक विषय
सूत्रांक ___ "ब' के स्थान पर "क" की प्राप्ति का विधान
१८ __ "ग" के स्थान पर "म-ल-ब" की प्राप्ति का विधान १६. सं १९२
"घ" के स्थान पर "स" और "ल्ल" की प्राप्ति का विधान १६३ "ज" के स्थान पर "झ' की प्राप्ति का विधान "" के स्थान पर "उ-द-ल" की प्राप्ति का विधान ११५ से ११८ "ठ'' के स्थान पर "ढ ललह ल' को प्राप्ति का विधान १६६ से २०? "ड" के स्थान पर "ल" की प्राप्ति का विधान
५०२ "" के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "ल" की प्राप्ति का विधान २०३ 'त" के स्थान पर "च-छ-ट-ड-ण-गण-र-ल-व-ह" की विभिन्न रोति से प्राप्ति का विधान
२०४ से २१४ "थ" के स्थान पर "ढ' की प्राप्ति का विधान
२१५ से २१६ "" के स्थान पर "उ-र-ल-ध-व-ह" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान
२१७ से २२५ "" के स्थान पर 'द' की प्राप्ति का विधान
२२६ से २२० "" के स्थान पर "ण" की प्राप्ति का विधान
२२८ से २२६ "न' के स्थान पर वैकल्पिक रूप से "ल" और "रह" की प्राप्ति का विधान "प" के स्थान पर 'व-फ-म-र" को प्राप्ति का विधान २३१ से २३५ "फ" के स्थान पर "भ' और "6" की प्राप्ति का विधान "व" के स्थान पर "व-भ-म-य" की प्राप्ति का विधान २३७ से २३६ "म" के स्थान पर "व" की प्राप्ति का विधान
२४. "म" के स्थान पर "ढ-व-स" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान
२४१ से २४४ "य" के स्थान पर "ज-त-ल-ज-ह-"बाह-पाह'-" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान
२४५ से २५. "र" के स्थान पर "ड-डा-ण-ल" की विभिन्न रीति से प्राप्ति का विधान
२५१ से २५४ "ल" के स्थान पर "र-" की प्राप्ति का विधान २५५ से २५७ "व" और 'व' के स्थान पर "म" की प्राप्ति का विधान २५८ से २५६ "श" और "प" के स्थान पर “स" को प्राप्ति का विधान २६० "प" के स्थान पर "एह" की प्राप्ति का विधान
२६१ ६४ “श" और "प" तथा "स" के स्थान पर (वैकल्पिक रूप से)
२३०
०५५
२३६
२६० २६३
२६४
३६४
२६६
२७२
२७६
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