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मेरा नंबर पुराण
पिरविन बामर् शेप्पल पेर् बुळि शेरियल पिन्सेन् । ट्रिरं बरं पिरिविडानं एळेगळियक काडर् ॥ १६८ ॥
अर्थ-तब धरणेंद्र ममि विनमि कुमारों को कहने लगा कि बेशक तुम सुन्दर व शक्तिशाली हो । परन्तु तुम्हारे में कुछ ज्ञान की कमी है ऐसा मुझे दीखता है । हे उच्च वंश में जन्मे हुए राजकुमारो ! इस संबंध में कुछ कहना चाहता हूँ ध्यान पूर्वक सुनो ! तुम लोग हमारे उपदेश को न समझते हुए भीख मांगते हुए निर्धन भिखारी के समान मालुम पडते हो ॥ १६८ ॥
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नावन पानगळ. पेटू पोदमोडुक्कु मीवि भूमि बादलार भरतनंदि देवर् कोनळित बेनुं ।
मेलवगळे । वरंगळ पेट्राल ||
यानाम् बेंडल सेग्रो मिनिउरं योळिग वेंडार् ॥ १६६ ॥
अर्थ- दोनों राजकुमार धरणेंद्र के इस प्रकार के वचन सुनकर कहने लगे कि यह भगवान् हमको अपने हाथ से कुछ भी देदें तो हमको समाधान है; परन्तु यदि अन्य कोई चक्रबर्ती पद भी दे दे, भरत चक्रवर्ती कितना भी हमको देदे, हमें कोइ समाधान नहीं है । इस प्रकार गर्जना करते हुए दोनों राजकुमारों ने धरणेंद्र से कहा ॥१६६॥
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एंड मेने मन्नर् मेंदर् तं पेरुमं येन्नार् । शेंड्रबन शेशि शाबिट्टिरंजन ट्रान् शेप्पक्केट || तोंडून बंबबन पोलुबु कोंडबनि मोंगि ।
निनन् मुडियं पूनमामं कुळयु मित्र ||२००॥
अर्थ- - इस प्रकार नमि और विनमि की बातें सुनकर घरणेंद्र ने अपने मन में उन कामनाओं को जानकर वह भगवान् के पास गयो और कान के पास कान लगाकर खडा हो गया। यह दिखाने के लिए कि भगवान् धरणेंद्र से कुछ कह रहे हैं । घरणेंद्र से कुछ ही समय वहां ऐसा करके नमि विनमि कुमारों के पास प्राकर खडा हो गया || २०० ||
सुन्नतन्तुरुवं काटि मुनिवनीर्नेडिट्रिय । बेनं रुळि सेवा नेऴगनी रोन्नोडेंड ॥ मिन्दुमोर विमानमेट्रि बेदंड मबरोदि ।
मनराइ नाटिइट्टान् मलेनिशं यरसर विकल्लाम् ॥ २०१ ॥
अर्थ-तदनंतर वह धरणेंद्र कहने लगा कि हे राजकुमारो ! वृषभनाथ भगवान् ने मुझसे यह कहा है कि हे घरणेंद्र ! यह राजकुमार जो कुछ मांग रहे हैं उनको देदों, सो यदि तुम मेरे साथ विमान में बैठकर चलोगे तो जो भगवान् ने कहा है वह साम्राज्य मैं तुमको दे दूंगा । इस बात को सुन कर वे दोनों राजकुमार विमान में बैठकर चलने को राजी हो गए।
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