Book Title: Jain Vidhi Vidhan Sambandhi Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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बिम्ब का परिमाण २. पूजनीय - अपूजनीय प्रतिमा का स्वरूप ३. गृह में स्थापित करने योग्य बिम्ब का लक्षण ४. २४ तीर्थंकरों के जन्मनक्षत्र एवं राशि ५. प्रतिष्ठा हेतु लग्न शुद्धि ६. प्रतिष्ठा हेतु क्षेत्र शुद्धि ७. प्रतिष्ठा के समय उपयोग आने वाली सामग्री की सूची ८. प्रतिष्ठा के समय उपयोगी क्रयाणक सूची ६. क्रयाणक का अर्थ १०. अठारह अभिषेक में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की सूची ११. प्रतिष्ठा विधि १२. शान्तिदेवता, अम्बिकादेवता, समस्त वैयावृत्यकरदेवता के निमित्त कायोत्सर्ग विधि १३. कलश - बलिसामग्री पुष्पादि अभिमन्त्रण विधि १४ - १८. अभिषेक विधि १६. नन्द्यावर्त्त स्थापना एवं पूजन विधि
इसमें देवकुलिका, मण्डप, मण्डपिका आदि की
जैन विधि-विधान सम्बन्धी साहित्य का बृहद् इतिहास / 197
२. चैत्य प्रतिष्ठा विधि
प्रतिष्ठा समाविष्ट है।
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३. कलश-प्रतिष्ठा विधि - इसमें स्वर्ण, पाषाण या मिट्टी के कलशों की प्रतिष्ठा विधि कही गई है।
४. ध्वज - प्रतिष्ठा विधि - इस विधि के अन्तर्गत पताका महाध्वजराज आदि की प्रतिष्ठा का उल्लेख है।
५. बिम्बकर- प्रतिष्ठा विधि - इस विधि में जलपट्टासन- तोरणादि की प्रतिष्ठा समझनी चाहिए।
६. देवी - प्रतिष्ठा विधि - इसमें अम्बिका आदि गच्छदेवता, शासनदेवता, कुलदेवता आदि की प्रतिष्ठा विधि का विवेचन है।
७. क्षेत्रपाल - प्रतिष्ठा विधि - इस प्रतिष्ठा विधि में बटुकनाथ, हनुमान, देशपूजित देवादि को प्रतिष्ठित करने की विधि का उल्लेख है।
८. गणेशादिदेवता-प्रतिष्ठा विधि - इसमें विनायक देवता आदि की मूर्तियों को स्थापित करने की विधि निर्दिष्ट है।
६. सिद्धमूर्ति - प्रतिष्ठा विधि - इसमें पुंडरिक स्वामी, गौतम स्वामी आदि पूर्व सिद्ध प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा विधि का वर्णन है।
१०. देवतावसरसमवसरण प्रतिष्ठा विधि - इस अधिकार में स्थापनाचार्य एवं समवसरण की प्रतिष्ठा विधि का निरूपण है।
११. मन्त्रपट - प्रतिष्ठा विधि - इसमें धातु, उत्कीर्ण एवं वस्त्रमय पट्ट की प्रतिष्ठा विधि कही गई है।
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१२. पितृमूर्ति - प्रतिष्ठा विधि - प्रासादस्थापित, गृहस्थापित, पट्टिकास्थापित प्रतिष्ठा विधि का वर्णन है।
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