Book Title: Jain Vidhi Vidhan Sambandhi Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur
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492 / मंत्र, तंत्र, विद्या सम्बन्धी साहित्य
जिनबिम्बप्रवेशविधि करवाने की विधि से सम्बन्धित है । '
जिनबिम्बगृहप्रवेशविधि - यह रचना संस्कृत में है। इसका विषय प्रतिपादन कृति
नाम से ही स्पष्ट हो जाता है।
जिनबिम्बपरीक्षाप्रकरण विधि कही गई है।
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प्रतिष्ठाकल्प श्री चन्द्रसूरि है।
यह कृति जिनालय के मूलगृह में जिनप्रतिमा को प्रवेश
हमें जिनरत्नकोश में प्रतिष्ठाकल्प, प्रतिष्ठाविधि एवं प्रतिष्ठापाठ विषयक कुछ कृतियों का विवरण इस प्रकार उपलब्ध हुआ है प्रतिष्ठाकल्प - यह कृति अकलंकदेव की मानी गई है।
इसके कर्त्ता शीलभद्रसूरि के प्रशिष्य एवं दानेश्वरसूरि के शिष्य
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प्रतिष्ठाकल्प - यह कल्प मुनि विद्याविजयजी के द्वारा संस्कृत में लिखा गया है।
प्रतिष्ठाकल्प - यह अज्ञातकर्तृक है।
प्रतिष्ठाकल्पविधि - यह रचना मुनि पद्मविजय की है।
प्रतिष्ठा - तिलक - इसके कर्त्ता दिगम्बर मुनि श्री नरेन्द्रसेन है।
यह कृति संस्कृत में है। इसमें जिनबिम्ब की परीक्षा
प्रतिष्ठातिलक - यह रचना मुनि ब्रह्मसूरि की है।
प्रतिष्ठापद्धति - यह अज्ञातकर्तृक है।
जिनरत्नकोश - पृ. १३६
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प्रतिष्ठापाठ - यह रचना मुनि कुमुदचन्द्र की है। प्रतिष्ठापाठ - इसके कर्त्ता इन्द्रनन्दि है ।
प्रतिष्ठापाठ - यह वसुनन्दी की रचना है ।
प्रतिष्ठापाठ - यह कृति दिगम्बर मुनि जयसेन की है ।
‘प्रतिष्ठाविधि' नाम से सात रचनाएँ ये प्राप्त होती हैं। क्रमशः वर्धमानसूरि, गुणरत्नसूरि, श्रीचन्द्रसूरि, हेमचन्द्राचार्य, तिलकाचार्य, नरेश्वर एवं अज्ञातकर्तृक की है। प्रतिष्ठाविधिविचार हमें इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है।
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