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द्वितीय अध्ययन : संघाट
सूत्र १६. पंथक नाम का एक दास पुत्र बालक देवदत्त की देखरेख के लिये नियुक्त हुआ। वह देवदत्त को गोद में उठाकर अनेक विविध आयु के बालक-बालिकाओं के साथ खेलता रहता था।
KIDNAPPING OF DEVDUTT
16. The slave boy Panthak was appointed to look after child Devdutt. He used to carry Devdutt and play around with children of various ages.
सूत्र १७. तए णं सा भद्दा सत्थवाही अन्नया कयाइं देवदिन्न दारयं हायं कयबलिकम्मं कयकोउय-मंगलपायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं करे | पंथयस्स दासचेsयरस हत्थयंसि दलयइ ।
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तए णं पंथए दासचेडए भद्दाए सत्थवाहीए हत्थाओ देवदिनं दारयं कडीए गेह, गेण्हित्ता सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ । पडिणिक्खमित्ता बहूहिं डिंभएहि य डिंभियाहि य जाव (दारएहिं दारियाहिं कुमारेहिं ) कुमारियाहि य सद्धिं संपरिवुडे जेणेव रायमग्गे तेणेव उवागच्छइ । उवागच्छित्ता देवदिन्नं दारगं एगंते ठावेइ । ठावित्ता बहूहिं डिंभएहि य जव कुमारियाहि यसद्धिं संपरिवुडे पमत्ते यावि होत्था विहरइ ।
सूत्र १७. एक बार भद्रा ने देवदत्त को स्नानादि सभी नित्य कर्म से निवृत्त करा वस्त्र आभूषणों से सजा पंथक के हाथ में दिया ।
पंथक ने देवदत्त को गोद में लिया और घर से बाहर निकला। अन्य बहुत से बच्चों को साथ लेकर वह राजमार्ग पर आया। उसने देवदत्त को एक ओर बैठा दिया और स्वयं उन बच्चों के साथ खेलने में मगन हो गया।
17. One day Bhadra got Devdutt ready after giving him a bath and dressing him and adorning him with ornaments. She then handed him over to Panthak.
Panthak lifted Devdutt in his arms and went out of the house. Taking some more children along he came to the highway. He placed Devdutt carefully on one side and got fully absorbed in playing with the other children.
बालक की हत्या
सूत्र १८. इमं च णं विजए तक्करे रायगिहस्स नगरस्स बहूणि बाराणि य अवदाराणि य तहेव जाव आभोएमाणे मग्गेमाणे गवेसेमाणे जेणेव देवदिने दारए तेणेव उवागच्छइ ।
CHAPTER-2 : SANGHAT
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