Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan
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( १८८) SAAD
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
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secluded spot. Dhanya merchant relieved himself and washed his hands and face. Both of them returned to their cell.
सूत्र ३२. तए णं सा भद्दा कल्लं जाव जलते विउलं असण-पाण-खाइम-साइमं जाव परिवेसेइ। तए णं से धण्णे सत्थवाहे विजयस्स तक्करस्स तओ विउलाओ असण-पाणखाइम-साइमाओ संविभागं करेइ। तए णं से धण्णे सत्थवाहे पंथयं दासचेडं विसज्जेइ।
सूत्र ३२. भद्रा ने दूसरे दिन भी सुबह होने पर उसी प्रकार पंथक के साथ भोजन सामग्री भेजी। पंथक ने वहाँ आकर धन्य को भोजन परोसा तो धन्य ने विजय को भी उस भोजन में से कुछ भाग दिया। भोजन कर चुकने के बाद पात्रादि के साथ उसने पंथक को वापस भेज दिया। ____32. Next morning Bhadra again sent the food basket with slave-boy Panthak. In the prison Panthak served the food and Dhanya merchant shared it with Vijaya. After eating, the basket with utensils was returned with Panthak.
सूत्र ३३. तए णं से पंथए भोयणपिडयं गहाय चारगाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता रायगिहं नगरं मझमझेणं जेणेव सए गेहे, जेणेव भद्दा भारिया, तेणेव उवागच्छइ। उवागच्छित्ता भई सत्थवाहिं एवं वयासी-“एवं खलु देवाणुप्पिए ! धण्णे सत्यवाहे तव पुत्तघायगस्स जाव पच्चामित्तस्स ताओ विउलाओ असण-पाण-खाइमसाइमाओ संविभागं करेइ।"
तए णं सा भद्दा सत्थवाही पंथयस्स दासचेडयस्स अंतिए एटमटुं सोच्चा आसुरत्ता रुट्ठा जाव मिसिमिसेमाणा धण्णस्स सत्थवाहस्स पओसमावज्जइ।
सूत्र ३३. पंथक ने घर लौटकर भद्रा से कहा-"देवानुप्रिये ! धन्य सार्थवाह ने आपके पुत्र के हत्यारे शत्रु को अपनी भोजन सामग्री में से हिस्सा दिया है।''
भद्रा पंथक से यह बात सुनकर क्रोध से लाल हो गई और कुढ़ती हुई धन्य सार्थवाह से रूठ गई।
33. When slave-boy Panthak returned home he said to Bhadra, "Beloved of gods! Today Dhanya merchant shared his food with the killer of your son."
Getting this information from slave-boy Panthak Bhadra turned red with anger. She fretted in irritation and became displeased with Dhanya merchant.
PATI
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SUTRA
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