Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan
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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
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श्री
सूत्र ९९. तए णं अदीणसत्तू राया पडिरूवजणियहासे दूयं सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-तहेव जाव पहारेत्थ गमणाए। ___ सूत्र ९९. उस चित्र को देख अनुराग से प्रेरित हो अदीनशत्रु ने अपने दूत को मल्लीकुमारी से विवाह के प्रस्ताव सहित मिथिला के लिए रवाना कर दिया।
99. Just a glance at the portrait instilled a feeling of love within King Adinshatru and inspired him to send his emissary to Mithila with a marriage proposal. राजा जितशत्रु
सूत्र १00. तेणं कालेणं तेणं समएणं पंचाले जणवए, कंपिल्ले पुरे नयरे होत्था। तत्थ णं जियसत्तू णामं राया होत्था पंचालाहिवई। तस्स णं जियसत्तुस्स धारिणीपामोक्खं देविसहस्सं ओरोहे होत्था। __सूत्र १00. काल के उस भाग में पांचाल जनपद के काम्पिल्यपुर नगर में जितशत्रु नाम का राजा राज्य करता था। वह संपूर्ण पांचाल प्रदेश का अधिपति था। जितशत्रु के अन्तःपुर में एक हजार रानियाँ थीं।
KING JITSHATRU ____100. During that period of time King Jitshatru ruled over Kampilyapur, the capital of the Panchal country. He had one thousand queens.
सूत्र १०१. तत्थ णं मिहिलाए चोक्खा नाम परिव्वाइया रिउव्वेय० जाव यावि होत्था।
तए णं सा चोखा परिव्वाइया मिहिलाए बहूणं राईसर जाव सत्थवाहपभिईणं पुरओ दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणी पण्णवेमाणी परूवेमाणी उवदंसेमाणी विहरइ।
सूत्र १०१. मिथिला नगरी में चोक्खा नाम की एक परिव्राजिका रहती थी। वह नगर के अनेक गणमान्यों (राजा आदि) के सामने दानधर्म, शौचधर्म और तीर्थस्नान का प्रतिपादन करती और उपदेश देती थी।
101. In Mithila lived a Parivrajika (a class of female preachers) named Chokkha. She used to preach her religion of charity, cleansing,
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BABI376)
JNATA DHARMA KATHANGA SUTRA
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