Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
Publisher: Padma Prakashan

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Page 465
________________ आठवाँ अध्ययन : मल्ली ( ३९५ ) - - सूत्र १३१. तए णं तेसिं जियसत्तुपामोक्खाणं छहं रायाणं मल्लीए विदेहरायवरकन्नाए अंतिएएयमढे सोच्चा णिसम्म सुभेणं परिणामेणं, पसत्थेणं अज्झवसाणेणं, लेसाहिं विसुज्झमाणीहि, तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहा-वूहमग्गण-गवेसणं करेमाणाणं सण्णिपुव्वे जाइस्सरणे समुप्पन्ने। एयमटुं सम्म अभिसमागच्छंति। ___ सूत्र १३१. मल्लीकुमारी से अपने पूर्वभव का यह वृत्तान्त सुनने-समझने के फलस्वरूप जितशत्रु आदि छह राजाओं को शुभ परिणाम, प्रशस्त अध्यवसाय, विशुद्ध होती लेश्याएँ, और ईहापोह (चिन्तन) का उदय हुआ। तब उन्हें जातिस्मरण ज्ञान प्राप्त हुआ और वे अपने पूर्वभव को देख सके। उन्होंने मल्लीकुमारी के कथन को भलीभाँति समझ लिया। ___131. Hearing and understanding all this from Princess Malli, Jitshatru and the other kings went through the process of thinking, ascertaining, analyzing, and exploring (Iha, Apoh, Margana, and Gaveshana). As a result of gradually purifying inner energies (Leshya), righteous endeavour and lofty attitude, they acquired the knowledge about earlier births (Jatismaran Jnana). They at once had the direct perception of all these details about their earlier births. Now they fully understood the statement of Princess Malli. सूत्र १३२. तए णं मल्ली अरहा जियसत्तुपामोक्खे छप्पि रायाणो समुप्पण्णजाइसरणे जाणित्ता गब्भघराणं दाराई विहाडावेइ। तए णं जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो जेणेव मल्ली अरहा तेणेव उवागच्छति। तए णं महब्बलपामोक्खा सत्त वि य बालवयंसा एगयओ अभिसमन्नागया यावि होत्था। सूत्र १३२. छहों राजाओं को जातिस्मरण ज्ञान उत्पन्न हो गया है, यह जानते ही मल्ली अर्हत् ने उन गर्भगृहों के द्वार खुलवा दिये। सब राजा बाहर निकलकर मल्ली के पास आये और पूर्वभव के महाबल आदि सातों मित्रों का परस्पर मिलन हुआ। ____132. As soon as Princess Malli knew that all the kings now had the knowledge of their earlier births she ordered the gates of all the rooms opened. All the kings came out of their rooms and went to Princess Malli. Mahabal and his six friends from the earlier birth met. दीक्षा का संकल्प सूत्र १३३. तए णं मल्ली अरहा जियसत्तुपामोक्खे छप्पि य रायाणो एवं वयासी CHAPTER-8: MALLI (395) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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