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आठवाँ अध्ययन : मल्ली
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PATRA
सूत्र २४. आसपास रहे वाण-व्यन्तर देवों को जैसे ही प्रभावती देवी के इस दोहद का आभास हुआ, उन्होंने जल्दी से जल-थल के उपर्युक्त फूलों के ढेर राजा कुम्भ के महल में पहुँचा दिये और साथ में एक सुन्दर, कोमल, सुरभित गजरा भी रख दिया।
24. As soon as the Van-Vyantar gods (a specific category of lower gods) became aware of this Dohad of Queen Prabhavati they delivered heaps of flowers, mentioned above, in King Kumbh's palace. They also put a beautiful, delicate and fragrant intwined garland with these flowers.
सूत्र २५. तए णं सा पभावई देवी जलथलयभासुरप्पभूएणं मल्लेणं डोहलं विणेइ। तए णं सा पभावई देवी पसत्थडोहला जाव विहरइ।
तए णं सा पभावई देवी नवण्हं मासाणं अद्धट्ठमाण य रत्तिंदियाणं जे से हेमंताणं पढमे मासे दोच्चे पक्खे मग्गसिरसुद्धे, तस्स णं मग्गसिरसुद्धस्स एक्कारसीए पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि अस्सिणीनक्खत्तेणं जोगमुवागएणं उच्चट्ठाणगएसु गहेसु जाव पमुइयक्कीलिएसु जणवएसु आरोयारोयं एगूणवीसइमं तित्थयरं पयाया। ___ सूत्र २५. प्रभावती देवी ने इन फूलों और मालाओं से अपना दोहद पूर्ण किया और
आनन्द से रहने लगी। इसी प्रकार नौ महीने और साढ़े सात दिन बीत गये। हेमन्त ऋतु के पहले महीने और दूसरे पक्ष में मंगसर सुदी एकादशी के दिन मध्य-रात्रि के साथ अश्विनी नक्षत्र का योग आने पर प्रभावती देवी ने सुखपूर्वक पूर्ण आरोग्य युक्त उन्नीसवें तीर्थंकर को जन्म दिया।
25. Queen Prabhavati fulfilled her Dohad with these flowers and garlands and lived happily. Nine months and seven and a half days passed. During the first month and the second fortnight of the winter season Queen Prabhavati normally gave birth to the nineteenth Tirthankar on the eleventh day of the bright half of the month of Mangsar when the moon entered the first (Ashwini) lunar mansion at
midnight. जन्म व नामकरण उत्सव
सूत्र २६. तेण कालेणं तेणं समएणं अहोलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीओ महयरीयाओ जहा मुंबुद्दीवपन्नत्तीए जम्मणं सव्वं भाणियव्यं। नवरं मिहिलाए नयरीए कुंभरायस्स भवणंसि पभावईए देवीए अभिलावो संजोएव्वो जाव नंदीसरवरे दीवे महिमा।
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CHAPTER-8 : MALLI
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