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आठवाँ अध्ययन : मल्ली
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सूत्र ७१. राजा चन्द्रच्छाय ने अर्हनक आदि वणिकों का आदर-सत्कार किया और उन्हें विदा किया। वणिकों की बात सुन उनके. मन में हर्ष और प्रेम की भावना जागी। उन्होंने अपने दूत को बुलाया और मल्लीकुमारी से विवाह करने का प्रस्ताव राजा कुंभ के पास ले जाने को कहा। दूत प्रसन्नचित्त रवाना हो गया। ___71. King Chandracchaya bestowed honour on the traders and bid them good-bye. He was pleased to hear the story narrated by the merchants and at the same time was filled with a desire. He called his emissary and instructed him to go to King Kumbh with a marriage proposal for Princess Malli. The emissary happily commenced his journey. राजा रुक्मि
सूत्र ७२. तेणं कालेणं तेणं समएणं कुणाला नाम जणवए होत्था। तत्थ णं सावत्थी नाम नयरी होत्था। तत्थ णं रुप्पी कुणालाहिवई नामं राया होत्था। तस्स णं रुप्पिस्स धूया धारिणीए देवीए अत्तया सुबाहुनामं दारिया होत्या, सुकुमाल पाणि पाया रूवेण य जोव्वणेणं लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा जाया यावि होत्था।
तीसे णं सुबाहूए दारियाए अन्नया चाउम्मासियमज्जणए जाए यावि होत्था।
सूत्र ७२. काल के उस भाग में कुणाल नाम का एक जनपद था। वहाँ की राजधानी श्रावस्ती नगरी थी जहाँ रुक्मि नाम के राजा राज्य करते थे। उनकी रानी का नाम धारिणी था जिसकी कोख से जन्मी कन्या का नाम सुबाहु था। वह कन्या सुकोमल थी और शरीर, वय, रूप, यौवन तथा लावण्य में उत्कृष्ट थी।
एक बार उस राजपुत्री के चातुर्मासिक स्नान के उत्सव का समय आया।
KING RUKMI
72. During that period of time there was a country named Kunal. The capital of Kunal was Shravasti city and King Rukmi ruled there. The name of his queen was Dharini. He also had a daughter named Subahu. The princess was delicate as well as exemplary in beauty, youth and charm. One day her annual bathing ritual was celebrated.
सूत्र ७३. तए णं से रुप्पी कुणालाहिवई सुबाहूए दारियाए चाउम्मासियमज्जणयं उवट्ठिय जाणइ, जाणित्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-“एवं खलु
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CHAPTER-8 : MALLI
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