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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
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11. With Devdatta the merchant-boys ascended the chariot and passing through the town arrived near the Nanda stream in the Subhumibhag garden. Getting down from the chariot they entered the stream. After an entertaining and refreshing bath in the company of Devdatta, they came out and went into the tent. Dressing up and putting on the ornaments they sat down comfortably and quietly. After a sumptuous lunch they spent their time enjoying all earthly and bodily pleasures with Devdatta in a richly decorated and perfumed interior within the tent.
मयूरी का उद्वेग
सूत्र १२. तए णं सत्थवाहदारगा पुव्वावरण्हकालसमयंसि देवदत्ताए गणियाए सद्धिं थूणामंडवाओ पडिणिक्खमंति। पडिणिक्खमित्ता हत्थसंगेल्लीए सुभूमिभागे बहुसु आलिघरएसु य कयलीघरएसु य लयाघरएसु य अच्छणघरएसु य पेच्छणघरएसु य पसाहणघरएसु य मोहणघरएसु य सालघरएसु य जालघरएसु य कुसुमघरएसु य उज्जाणसिरिं पच्चणुभवमाणा विहरति।
सूत्र १२. दिन के अंतिम प्रहर में वे सार्थवाहपुत्र देवदत्ता को साथ लिये शामियाने से बाहर निकले और हाथ में हाथ डालकर सुभूमिभाग उद्यान के वृक्ष काननों तथा पुष्प काननों आदि रमणीय स्थलों की छटा निहारते हुए घूमने लगे।
DISTURBED PEA-HEN ____12. During the last quarter of the day they came out of the tent and holding Devdatta's hands started sauntering around enjoying the coulourful flowers, greenery and other enchanting spots in the Subhumibhag garden.
सूत्र १३. तए णं ते सत्थवाहदारगा जेणेव मालुयाकच्छए तेणेव पहारेत्थ गमणाए। तए णं सा वणमऊरी ते सत्थवाहदारए एज्जमाणे पासइ। पासित्ता भीया तत्था महया महया सद्देणं केकारवं विणिम्मुयमाणी विणिम्मुयमाणी मालुयाकच्छाओ पडिणिक्खमइ। पडिणिक्खमित्ता एगंसि रुक्खडालयंसि ठिच्चा ते सत्थवाहदारए मालुयाकच्छयं च अणिमिसाए दिट्ठीए पेहमाणी चिट्ठइ।
सूत्र १३. घूमते-घूमते जब वे उस तुलसी के झुरमुट की ओर जाने लगे तो उस वनमयूरी ने उन्हें आते देखा। वह भय से घबरा गई और जोर से कूकती हुई झुरमुट से
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JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SŪTRA
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