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पंचम अध्ययन शैलक
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* religion to the discipline based religion. It would be good to preach and bring him back to my order." Thinking thus he came back to Saugandhika town and stayed in the Math. Taking a few of his disciples dressed in ochre coloured garbs he came out of the Math and went to Sudarshan's house.
सूत्र ३७. तए णं सुदंसणे तं सुयं एज्जमाणं पासइ, पासित्ता नो अब्भुट्टेइ, नो पच्चुग्गच्छइ नो आढाइ, नो परियाणाइ, नो वंदइ, तुसिणीए संचिट्टइ।
तए णं से सुए परिव्वायए सुदंसणं अणब्भुट्ठियं पासित्ता एवं वयासी-“तुमं णं सुदंसणा ! अन्नया ममं एज्जमाणं पासित्ता अब्भुट्टेसि जाव वंदसि, इयाणिं सुदंसणा ! तुमं मम एज्जमाणं पासित्ता जाव णो वंदसि, तं कस्स णं तुमे सुदंसणा ! इमेयारूवें विणयमूलधम्मे पडिवन्ने ?' ___ सूत्र ३७. सुदर्शन ने शुक परिव्राजक को आते देखकर न तो खड़े होने का उपक्रम किया, न आगे बढ़ा, न आदर किया, न परिचित होने का प्रदर्शन और न ही वन्दना। वह मौन ही रहा। __ इस पर शुक परिव्राजक ने कहा-“हे सुदर्शन ! पहले तो तुम मुझे आता देखकर खड़े होते थे और आगे बढ़कर आदर आदि करते थे। परन्तु आज तो तुमने वह सब व्यवहार नहीं किया। हे सुदर्शन ! बताओ तुमने किसके पास विनयमूल धर्म अंगीकार किया है ?"
37. Even when he saw Shuk Parivrajak approaching, Sudarshan neither stood up, went forward, greeted, nor bowed to him; he did not even recognize Shuk. He just remained silent. ___Disturbed by this neglect, Shuk Parivrajak said, "Sudarshan! In the past when I came, you would stand up and come forward to greet me. But today you have not extended that courtesy. Tell me, Sudarshan! who has initiated you into the discipline based religion?"
सूत्र ३८. तए णं से सुदंसणे सुए णं परिव्वायए णं एवं वुत्ते समाणे आसणाओ अब्भुट्टेइ, अब्भुट्टित्ता करयल सुयं परिव्वायगं एवं वयासी–“एवं खलु देवाणुप्पिया ! अरहओ अरिट्ठनेमिस्स अंतेवासी थावच्चापुत्ते नामं अणगारे जाव इहमागए, इह चेव नीलासोए उज्जाणे विहरइ, तस्स णं अंतिए विणयमूले धम्मे पडिवन्ने।" ___ सूत्र ३८. यह सुनकर सुदर्शन आसन से उठा और हाथ जोड़कर शुक परिव्राजक से बोला-“देवानुप्रिय! अर्हत् अरिष्टनेमि के अन्तेवासी थावच्चापुत्र नाम के अनगार विहार
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CHAPTER-5: SHAILAK
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