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संधि
१२
१३
१४
कडवक
९
१०
१०
१२
२२,, २३
२५ से २८)
५,२१,२४ २९, ३०
११
२०
छंद
१ से २० पज्झटिका
१ से ४,
६ से १०
१२ से १९ पज्झटिका
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प्रमाणिका
पादाकुलक
सोमराजी
अज्ञात
अलिल्लाह
प्रमाणिका
समानिका
ऊपर देखिए
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ऊपर देखिए
यह एक मात्रावृत्त है जिसके प्रत्येकपाद में ५ मात्राएं तथा पांच ही अक्षर होते है । संभव है यह अवा नाम की द्विपदी हो । (दे. स्व. छ. ७.४.)
ऊपर देखिए
ऊपर देखिए
छंद चर्चा ।
"
छंद का लक्षण
यह एक वर्णवृत्त है जिसके प्रत्येक पाद में एक रगण, एक जगण एक गुरु और एक लघु है - U-U-U-U। इसमें आठ अक्षर हैं जो गुरु, लघु के क्रम से आते हैं। हेमचन्द्र के अनुसार इसका नाम समानी है ( छ. ५अ १) । प्रा. पै. में समानिका जो लक्षण दिए हैं उसमें केवल सातवर्ण बताएं है अंत के लघु को उसमें शामिल नहीं किया (प्रा. पैं. २-५८ ).
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अपवाद
६.७ पंक्ति पादाकुलक है।
८५
९.१०; १६.३; १७.४, १९.४; २७.१ ये पंक्तियाँ पादाकुलक को है ।
२९.१ पादाकुलक है।
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