Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 473
________________ पार्श्वनाथचरित [मण्ण मरहट्ठ-महाराष्ट्रक (हे० ५.६९,२.११९ = मराठा) /मण्ण-मन् ( = मानना-विचार करना) वर्त० तृ० ए० मण्णइ १.१६.६७३.४.५,१३.६.१३ वर्त० तृ. ब. मण्णंति १.४.३,११.३.११ वर्त० कृ० मण्णंत ११.७.८ भू० कृ० मण्णिय २.१६.२,१६.१८.१ पू० कृ० मण्णिवि १.२०.१ मत्त त स मद्का भू० कृ० १.२२.१.२३.५ -मत्तय १.३.६ मत्त-मयं १.८.६;६.१७.११ (बहुशः) मत्थय-मस्तक ८.१२." 'महण-(= मर्दन करनेवाला) १०.४.८ मद्दल-मर्दल ( = एक वाद्य)८.७.५ -मद्दलय १३.४.६ -मद्दला ८.२०.६ मम्म-मर्म ६.६.६ मय-मद १.३.११.१२.२,२.७.११,२.१५.१३.१५.४; ८.१३.६:१३.४.११.२.१७,१२.१.३ मयंक-मृगांक (= चन्द्रमा) १.१.. -मियंक ७.११.५,१३.३.८ मयंद-मृगेन्द्र (=सिंह ) १५.३.३. मयगल (=गज-दे० ना० ६.१२५, मद +गलसे बना शब्द) १.२३.१०२.१२.५,४.१.१६.३.६.११.२.२ मयण-मदन १.२.११.१४.८,१.४.८६.८.६ मयण-मदन ( = एकवृत्त) १४.२.. मयणालस-मदन + अलस ६.६.२;६.१२.१ मयणावलि-मदनावलि (= एक रानीका नाम) ४.४.७ मयणाहि-मृगनाभि ( = कस्तूरी ) १...६,१३.१.६ मयर-मकर २.१२.४;७.१२.५:१५.४.६ मयरंद-मकरंद १.२३.६,१४.२५.४ मंयलंछण-मृगलाम्छन ( = चन्द्रमा) ८.११.४:१०.११.६ १३.८.२ मयवंत-मदवती ६.१.८ मयवंत-(=ज्ञानवान् ? ) ९.७.४ Vमर-म्रिय (= मरना) वर्त० तृ. ब. मरहिं १७.२१.६ आ० द्वि० ए० मरु ९.१३.६ मरगय-मरकत १४.१४.५,१७.१३.८ कमरह-(= गर्व, दे. ना. ६० १२०) ६.४.१३ मरण-त स १.१३.१०,२.११.५,४.३.१२ मरुभूइ-मरुभूति (= पार्श्वनाथके प्रथम भवका नाम) १.१०.७; १.१७.५,३.१५.९७.१३.१,१८.१३.१० मल-त स (१ = मैल) १४.५.७ (२ = दोष) ५.७.४;६.१५.५ BV मल-मृद् (हे. ४.१२६) वर्त० कृ० मलंत ९.१३.२ मू० कृ० मलिय ४.१.७ मलय-त स (= प्रसिद्ध प्रदेश ) ११.५.११;११.१०.३ मल्ल-त स १.१.४;६.५.२;७.९.३.११.९.९ मल्ल-त स ( इतिहास प्रसिद्ध एक जाति ) ९.४.१० मल्लि-त स (= उन्नीसवां तीर्थंकर) १७.१०.८ मविय-मव (मापय् ) का० मू० कृ० १६.२.८ मसय-मशक (= एक चतुरिन्द्र य जीव) १८.३.६ मसिकिय-मसीकृत (काले किए = नष्ट किये गए) ६.१३.१० Vमह-(१ = मानना) ५.१०.६ वर्त० तृ० ए० महइ ५.१०.६ (२= पूजना) भू० कृ० महिए १४.३०.१२.१७.१.७; महंत-महत् १.१.८,२.१.९,२.१६.३९३.३.८;३.६.७,४.४.२५; ११.३.१८.१६.८,१८.१६.११ महंत शुक-महाशुक्र ( = दसवां स्वर्ग) १६.५.६ महग्ध-महार्य (= कीमती ) ३.२.६ महण-मथन २.२.४ महण्णव-महार्णव २.७.११;६.१६.१२ महत्थ-महत् + अर्थ (= महान् ) ८.७.४ ८.१८.४.९.२.४;१०.१४.२.१२.९.१६ #V महमह-(= महकना, हे. ४.७८) ___ वर्त० तृ. ब. महमहन्ति १.५.४ ___ वर्त० कृ० महमहन्ति १३.४.२ महल्ल-(१ = विभागाध्यक्ष ) ६.६.५ (२ = बड़ा दे०, ना० ६.१४३ ) १६.१३.. महसवइ-महास्वपति (= धनवान ) २.३.४ महा-मघा (= एक नक्षत्र) १३.६.३ महां-महत् १.२.१,१.११.१२ (बहुशः) महाउह-महायुध (= उत्तम शस्त्र ) ९.१४.९ महाउहि-महा + आयुधिन् (= महान योद्धा ) २.२.११ महाजण-महाजन १७.१.१ महाणंदि-(= बारह वाचोंका समूह ) ८.७.३ महाणुभाव-महानुभाव (= महाशय) १.१०.२,१.१०.७; महामह-महामहत् (= महानसे मी महान् ) ६.९.१,११.११% ११:१४.२६.८ Jain Education International For Private & Personal Use Only ____www.jainelibrary.org

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