Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 489
________________ १८४] पार्श्वनाथचरित [सयमहसयमह-शतमख (= इन्द्र) ६.९.२. सल्ल-शल्य (=माया, मिथ्यात्व, तथा निदान) सयर-सगर (= दूसरा चक्रवर्ती) १७.१९.१ १.१.४,३.२.१० सयरायर-सचराचर १४.७.७ सल्ल-शल्य (= काँटा) ६.५.२,११.९.१९ सयल-सकल १.३.२,१.७.६,१.९.९;७.३.१०,१३.२०.५ सल्लइ सल्लकी (= एक वृक्ष) १.२३.२,१४.२.९ सयवत्त-शतपत्र (= कमल) १४.१४.३ सल्लइवण-सल्लकी वन ३.१.१०. सया-सदा ७.१.८,१२.११.१० सल्लियय-शल्यित + क (= शल्य से पीडित ) ९.८.११; -सय ८.१७.६ १२.२.१,११.१०.२. सयार-शतार (= ग्यारहवाँ स्वर्ग) १६.५.७ सल्लेहण-सल्लेखना ३.११.८ सयास-सकाश (= समीप) ४.६.८,११.९.११ सवडंमुह-(अभिभुख, दे० ना० ८.२१) सर-शर (=बाण) ९.११.८,१०.६.२,१२.८.१,१२.१२.१० सवण-श्रमण ३.२.८,४.८.११,४.९.५,१५.१२.११ सर--सरस (= तालाब) ३.१४.२,३.१४.५;६.१०.९,१०.११.३; सवण-श्रवण (=कान) ७.१३.८. ११.५.१९ सवलहण-(=संवाहन; मर्दन मालिश) ६.३.९;६.८.९; सर-स्वर ५.२.४,१३.१९.२ ८.५.२ Vसर-स्मृ (= स्मरण करना) सवारण-(= छत्रयुक्त) ६.११.१ वर्त० तृ० ए० सरइ १४.२६.९ सवित्त-सवितृ (= सूर्यवार) १३.६.७ वि० द्वि० ब० सरिजहु २.१०.५ सवित्थर-सविस्तर ७.३.८ कर्म० वर्त० तृ० ए० सरिजइ ३.११.९ सवेल-त स ( = वेलायुक्त) १६.८.४ वर्त० कृ सरंत ५.८.८ सव्व-सर्व १.५.२,१६.१४.९ सरड-सरट (=छिपकली) २.१२.६ सव्वण्ह-सर्वज्ञ १५.८.२,१५.९.७,१५.१०.६,१७.१.४ सरण-शरण १.१७.८,३.१५.२४.२.३,५.१०.५ सव्वल-(= एक शस्त्र) १०.६.५:११.७.१ सरय-शरद २.१.१२,२.२.२ सव्वावहि-सर्वावधि (=एक ऋद्धि) ७.७.३ सरयाचल-शरद + आ x चल (?) १०.९.८ सव्वोसहि-सौषधि (= एक ऋद्धि) ७.७.४ सररुह-सरोरुह ५.४.१०८.११.१० ससंक-शशाङ्क (= चन्द्र) ८.६.६;१०.११.८,१३.८.८ सरल--त स ६.९.११ ससहर--शशधर ( = चन्द्र) ५.५.३,११.६.१४ सरवर--सरोवर १.६.५,१.२३.१०,३.१४.४६.११.३; ससि-शशि (१ = चन्द्र) १.२३.१०,४.४.३,५.३.३८.४.८१० १०.७.१०.१०.१२.३ १.९,१४.११.३.१७.२०.२ सरसइ-सरस्वती १४.२१.१ (२= सोमवार) १३.६.१० सरह-शरभ (= एक पशु) २.१२.६. ससेव-त स (= सेवायुक्त; सेवित) १.१९.७ सरहस-सरमसम् १.१२.४,१.१२.१०,३.१४.१०,५.६.२ ६.९.२ ।। सह-समा (=राजदरबार) ९.५.१,९.५.१० सराव-शराव (= सकोरा) १.१८.१०. /सह-(= सहना) सरासण-शरासन (=धनुष) १२.६.११ वर्त० तृ. ए. सहइ १.१६.७ सरि-सरित् (= नदी) १.२३.६,४.१.८४.४.१६.१०.९९८.३.८ वर्त० तृ. ब. सहति २.८.५ सरिच्छ-सदृश १४.१४.३ वर्त० द्वि० ए० सहहिं १.१६.३ सरिस-सदृश १.४.२,१.१५.८,२.१.१२,२.२.२,३.१०.७ सहल-सफल ३.६.१,११.१०.१८ -सरिसय ९.८.७ सहस-सहस्र ५.१.८;६.३.१ कसरिसउ-(= सह) १४.२२.२,१४.२७.७ -सहस्स १६.१३.२ सरिसव-सर्षिप (=सरसों) १०.५.३ सहस-सहसा (?) (एकाएक) १४.१८.११ सरीर-शरीर १.१२.९ सहसकर-सहस्रकर (= सूर्य) ९.१२.१० सरुह-सरोष १२.२.४ सहसचक्खु-सहस्राक्ष (=इन्द्र) ४.५.२ सलभ-शलभ १८.३.६. सहसार-सहस्रार (तेरहवाँ स्वर्ग) ४.१.२,४.३.४१६.५.७% सलिल-त स १.२३.६,४.१.८६.८.१०.६.१०.९ १८.१४.८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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