Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

Previous | Next

Page 494
________________ [१८६ हिमवरिस] हंसगमणि-हंसगामिनी १.९.२ हंसणई-हंसनदी (अज्ञात) ७.१२.३ हक्क-(= हांक) १२.१०.१२ */ हक्क-हाक-(= हाँक लगाना; पुकारना) पू० कृ. हक्केविणु १.१८.६ -हाकिवि ११.१३.१५ Vहक्कार-आ + कारय ( = पुकारना) वर्त० तृ० ए० हक्कारेइ १५.८.३ . Vहण-हन ( = वध करना) वर्त० तृ० ए० हणइ ६.११.८;११.७.४ वर्त० कृ० हणंत ३.१.८;७.१०.१;८.११.७ कर्म० वर्त० कृ० हम्मंत ६.१६.१३,१४,५.७ पू. कृ. हणिवि ११.१०.६ हणण-हनन (= वध करनेवाला) ४.८.५ हत्ति-भक्ति ६.१४.१०,१७.२३.. हत्थ-हस्त (= हाथ) ५.१२.२ हत्थि-हस्ती ३.१५.९,४.२.१ -हत्थिरोह--हस्तिरोध १२.१३.१२ हत्थि-हस्त (= नक्षत्र ) १३.६.४ कहत्थियार-(= हथियार) १.१६.७१.१८.७,११.४.७ हय-हन् (१ = वध करना, मारना ) का० भू० कृ० ५.१०.१; ८.७.२,८.२१.१०.१०.३.२,१८.६.७ (२ = वाद्योंका बजाना) ८.१८.१ हय-हय ( = अश्व) १.३.१०,२.५.२,६.३.५ हयगीय-हयग्रीव (= पहला प्रतिवासुदेव) १७.२२.२. हयसेण-(=पार्श्वनाथके पिता) ८.१.५ हयास-हताश ९.१०.४,९.१०.७;१०.३.८ हर-गृह ३.१.७ हर-धर ६.७.३ हर-त स ( = शंकर) १.९.५ Vहर-ह (= गंवाना) वि० द्वि० ब० हरिजहु २.१०.७ हरि-त स (= सिंह) ५.४.६;६.१.१०,१५.८.१ -हरी ११.९.१७ हरिण-त स (= पशु) १४.१७.१२ हरिणि-हरिणी १.१०.८ हरिवंस-हरिवंश १७.१३.९ हरिवंसिय-हरिवंशीय ९.४.६ हरिवरिस-हरिवर्ष ( = जंबू द्वीपका एक क्षेत्र) १६.११.४ हरिस-हर्ष ८.१२.४.१०.१३.७,१८.११.६ हरिसिय-हर्षित ४.६.२,५.७.१,९.१.७ शब्दकोश हरिसेण-हरिषेण (= दसवाँ चक्रवर्ती) १७.१९.६ हलहर-हलधर (= बलदेव) १७.३.७,१७.७.६,१७.२०.४ हलाउह-हलायुध (= बलदेव) १७.२०.१ हली-हलिन् ( = किसान) १.५.५ हलुअ-लघुक (हे० २.१२२. = हलका) १८.६.८ हलुयारय-लघुक + तर (=अत्यन्त हलका) १२.१०.१६ हलेसर-हलेश्वर (= बलदेव) १७.२०.५ हल्लाविय-(= हिलाया हुआ) १४.१२.१० कहल्लिय-(= हिला हुआ दे० ना० ८.६२) हल्लोह लि-(= हो हल्ला) ११.१०.१ Vहव-भू० (हे० ४.६० = होना) वर्त० तृ० ब० हवंति ३.६.६ वि० द्वि० ए० हविज ५.६.७ हवि-हविस = (= अग्नि) ३.५.९;११.९.१६:१४.१५.५ Vहस-हस् (=हँसना) वर्त० कृ० हसंत १.४.६,११.१.९ -स्त्री हसंतिय १.१६.१ पू० कृ० हसिवि ११.११.१८ प्रे. भू० कृ० हसाविय ११.१२.१७ हाणि-हानि ३.५.४,१३.१५.४ हार-त स १.७.५,२.१६.८ Vहार-(= हारय (= नष्ट करना) कर्म० वर्त० तृ० ए० हारिजइ ३.५.५ वि० द्वि० ए० हारिजहि ५.६.७ आ० द्वि० ए० हारि १२.४.१० हास-त स (= हास्य) १.२०.८ -हासय (= हँसी) १०.१.१३ हा हा त स (= विषादमें उच्चारित शब्द) ११.१०.१५ हि-त स (=पाद पूरणके लिए प्रयुक्त) १.८.२ V हिंड-हिण्ड (= चलना फिरना, भटकना) वर्त, तृ. ए.हिंडइ १.२१.३;१.२३.१,३.१०.३; ४.५.१६ वि० द्वि० ए. हिंडिजहि ४.९.२ वर्त० कृ० हिंडत १.१२.३; १.२१.२ -हिंडतय २.१३.३ °हिंसण-(% हिंसा करने वाले) १२.८.११ हिट्ठ-हृष्ट ८.८.६ हिम-त स (= शीत) ६.१३.९;६.१३.१० हिमगिरि-त स (= हिमालय) १.२२.६:२.२.२ हिमवंत-हिमवान (= एक कुलगिरि) १६.११.१ हिमवरिस-हिमवर्ष ( = जंबू द्वीपका हिमवत क्षेत्र) १६.११.२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538