Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

Previous | Next

Page 475
________________ १७० ] मिल-मुज (छोड़ना है० ४.११ ) वर्त० ० तृ० ए० मिलइ २.६.३ वि००० मिलि वि० कृ० मिल्लेवर्ड १.४.८ मिहिल- मिथिला (पुरी) १०.१२.८ मिहूण-मिथुन (ग) ६.९.१२,१०,१२.४१६.४.१. मिहुण - मिथुन ( = राशि ) १३.७.७ मीण --- मीन ( = मछली ) ७.१२.३८.६.८ मुअ-य-मृत ७.१२.९, ११.११.२१ छोड़ना) V मुअमु १.४.७ पू० कृ० मिल्लिवि २.१.१२.५.११; ४.१.३. — मिल्लेवि १.५.६ वर्त० - ० तृ० ए० मुअइ ३.६.१० ० ० ति २.३०.५१०.८.९ वर्त० ० कृ० मुअंत ८.१५.८. पू० कृ० मुवि १.१७.८२.५.१२,२.१४.६,३.१६.१ Vमुञ्च-मुच् वर्त० मुंडण—मु ंडन ३.९.४ मुंडाविय - मुण्डका प्रे० भू० कृ० ( = मुड़वाया हुआ ) ० तृ० ए० मुञ्चइ १.१२.२ ९.१०.८ *मुंडिय - ? ( = एक राजवंश, मुरुंड ? ) ९.४.६ मुक्क मुक्त ( ३ = मोक्ष प्राप्त ) १.१.७१.११.८ ( २ = छोड़ा हुआ ) ३.४.४; १२.१०.४; १२.१४.९ मुकुस मुक+अंकुश (= अंकुशरहित ) १२.४.९ मुक्काउह मुक्त + आयुध १८.१६.५ मुच्छ - मूर्च्छा १.१२.२,१०.२२.३,११.१०.२१ V मुच्छ - मूर्च्छ (= मूच्छित होना ) भू० कृ० मुवि ११.१२.१२ प्रे० पू० कृ० मुच्छाविय १.१९.४ V मुग्ल-मुह (पचाना) आ० द्वि० ए० मुज्झु १४.८.६ आ० द्वि० ब० मज्झहु १०.८.५ मुट्ठि - मुष्टि २.१६.९१३.१४.२ ॐ Jain Education International = गुणा ( जानना है. ४.२५२ ) वर्त० तृ० ए० मुणइ ६.६.१०. वर्त ० कृ० मुणंत १४.३.१२. भू० कृ० मुणिय ४.९.१,५.९.६६६.६.६. मुणाल - मृणाल ६.११.८६११.११.१९. पार्श्वनाथचरित १२.३.६,१४.११.२. मुणि-मुनि २.६.५३.११.६; मुणिमुनि (अवस्य म) १७.२.१०. मुदिनी २.१.२,२.५,१०, मुणिवद्ध - ९.५.८; १४.३.३. मुणिवर - मुनिवर ३.१.१०, ३.१३.१, (बहुश:) मुनिवरिंदमुनिवरे २.१५.१,२.१६.५. मुनिसुव्वय - मुनिसुव्रत ( बीसवाँ तीर्थंकर) १७.१०.८. मुलुंगारय रंग + ८.०.६. — मुयंग १४.४.३. = मुसलत स ( मूसल) १.४.५५६.१२९४.१३.९. मुसेड - मुदि ११.३.८. मुह - मुख ( १ = बदन ) १.४.११५.४.१०८.१२.१२;१६.२.२. (२ अप्रभाग ) २.७.२. मुहुत्त मुहूर्त 1.१४,१३ = मूढ - त स ( = मूर्ख) १.२.५,१.१५.५;३.५.८१३.८.८. * मूर-मंत्र (तोड़ना ३० ४.१०६ ) ० तृ० ए० मूरइ १२.१४.१२. -तस (जड़) ३.७.१;४.१०.५. मूल त स ( = नक्षत्र) १३.६.३. वर्त ० मूल मूल - स ( = आदि ) ६.१५.६,३.१.६,४.१०.३. मेणि मेदिनी १.८.४२.१९.५. * मेट्ठ - ( = महावत; दे० ना० मेंठ० ६.१३८) १२.२.१०; १२.७.६. मेरयमेर (तीसरा प्रतिवासुदेव) १०.२२.२. मेरु-तस १.७.६४.१०.८. मेलावय (-मिलाप मुलात १३.२०.१०. * मेल-मुंच् (हं० ४.९१) वर्त तृ० ए० मेलइ १.३.९. वि० [हि० ए० मेलिजहि ४.९.७ こ वर्त० For Private & Personal Use Only ० कृ० मेहलंत १.१९.६ ३.१६.२. [ मिल्ल भू० कृ० मेल्लिय १.११.५. पू० कृ० मेल्लेवि ३.२.४. मेह – मेघ २.१.१२,२.२.२,३.१४.७. मेहकुमार - (एक विद्यार) ६.४.०. मेहल्लि - मेघमालिन् ( = एक असुरदेवका नाम जिसने पार्श्वनाथका उपसर्ग किया ) १४.५.१० १४.२०.१०. मोक्ख - मोक्ष १.१.९,१.११.२. (बहुशः ) मोग्गर - मुद्गर ४.१२.२९.१०.६१०६.४; ११.७.२. मोत्तिय – मौक्तिक ११.२.१४. मोर - मयूर २,१२. ५,६.१२.३,१५.४.६. मोरियमी ( इतिहास प्रसिद्ध राजवंश) ९.४.६. मोह – त स १.१.३,१.२.१ ( बहुशः ) = www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538