Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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पहं करि]
पलास - पलाश (वृक्ष) १४.२.१
पलित्त -- प्रदीप्त १३.६.१६.६.११.१५.५.३ पलिय-पति (पका बाल पलियाला पकना) १०.२.३
पलियंकुर - पलित + अंकुर ( = सफेद बाल) ५.५.८,५.६.१ Vपलीव - प्र + दीपय् (= जल उठना )
भू० कृ० पलीविय २.११.६,५.१०.१ V पलोट्ट - प्र + लुठ्
भू० कृ० पलोडिय ८.१६.६
छोट्ट पर्यस्त (०४.१६६) (मिरा हुआ) १३.२.१५
पल्ल - पल्य २.१२.७, १३.१२.६.१६.७.६
पट्ट परि + आस (३०४.२००) (पटना) वर्त० तृ० ए० पल्लहइ ४.१.१२, १४,१३.१० आ० द्वि० ए पल्लट्टि १०.१.६
पू० कृ० पलट्टि ४ १.११
पल्लव - त स १.२३.२
पाणिय-पर्याणित घोड़ाका पर्यायुक्त किया जाना )
६. १४.३; ११.२.३
पल्लोवम-परवोपम १६.१.७
पल्हाय - प्रहलाद (सातवाँ प्रतिवासुदेव) १७.२२.५
पवंग - प्लवंग २. १२.४; १५.४.५
पवंच-प्रपञ्च २.१३.१२,२.१६.६
पवज्जिय-प्र + वद् का प्रे० भू० कृ० ( = जो बजने लगा हो )
१५.३.४
V पवट्ट - प्र + वृत (= प्रवृत्ति करना)
वर्तο
० कृ० ए० पवट्टइ १४.२४.११
पवड्ढिय -- प्रवृद्ध ८.१२.४
पवण - पवन १.२१.६,५.१.७; ११.१२.६; १२.८.२
पवणार्याय पवन + आकर्षित (वायु द्वारा प्रेरित)
१४.२१.११
पवण्ण- प्र + पदुका भू० कृ० (= स्वीकृत) ६.५.२,१४.१७.११. पवत्तण- प्रवर्तन १७.७.१०;१७.१०.२
पवर-तस (= श्रेष्ठ) १.७.६, ४.४.४ ५.२.१०;६.६.१३; ११.
6.1.19.12.4
पवसिय प्र + वस्का भू० कृ ( प्रोषित = प्रवास पर गया हुआ)
१.८.७
पवह — प्रवाह ५.५.५; १८.२१.६
- पवाह १.१९.६
V पवह - प्र + वह् (= गमन करना)
वर्तο
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शब्दकोश
० कृ पवहंत १०.१२.१०
पवालय - प्रवालक १५.८.६
पवित्त
पवित्थरिय प्र+बि+ का भू० कृ० (विस्तृत) १.११.१० पविरल - प्रविरल १०.१२.२
पवेस - प्रवेश १.४.५
पव्व - पर्व ३.११.२
पव्वइय - प्रव्रजित (= जिसने प्रव्रज्या ग्रहण की) १३.१४.४
- पव्वइयय १.१०.१२
- पवित्र १.१.५;३.१६.६
-
पव्वज्ज - प्रव्रज्या १.११.१२.५.७,२.७.२,१३.१६.४ • पव्वय - पर्वत १६.१.५
पसंग - प्रसङ्ग १.१८.८. रूपसंडि
पसंत - प्रशान्त ४४.२
पसंत – प्रशंसा ३.१२.६
पसंसण - प्रशंसन ( = प्रशंसा) १.१०.३ ३.५.३,१.६.४ पसंसिय-प्र + शंस्का भू० कृ ( = प्रशंसित १.६. ६; ४.११.८
६.१५.२.१८.१.३
पसण्ण प्रसन्न १४.२५.७. पसत्त
स्वर्ग दे०ना. ४.१०) १४.४.५
-प्रसक्त (= आशक्त ) १.१३.१,१.२३.७ स्त्री- पत्ती १२.२.१२
पसत्थ- प्रशस्त २.१६.८८.७.४
पसर -- प्रसर ( = फैलाव ) ८.११.७;११.२.१३ V पसर - प्र + सृ ( = फैलना)
कर्म० ० ० ० पसरिज ३.१२.४ वर्तο
० कृ० पसरंत १.७.५ भू० कृ पसरिय १२.६.७
पसाय - प्रसाद १.१३.८२.१.५८.१२.१०
V पसाह - प्र + साधय् ( = अलंकृत करना) आ० द्वि० ए० पसाहहि ११.४.१६ भू० कृ पसाहिय ६.५.११११.१.८
-
पसाहण – प्रसाधन ( = सजा सामग्री ) ७.११.६ पसाहण - ( = अपने अधिकार में करनेवाला) ८.१४.१२ ; १०.४.७; ११.२.६
पसिद्ध - प्रसिद्ध १.२२.७४.५.१२
पशु - पशु २. १२.६,३.१०.७,१३.१८.११ पसूम प्रसूत (उत्प
पह - पथ ३.१.६; १०.६.७; १७.१.६ पह-प्रभा १०.१२.२
पहुंकर - प्रभंकर ( = एक नगर ) ६.१.४ पहंकरि प्रभंवरी (नगरी) ५.१.१८.१०.२
(२ = रानी) ६.१.८
-
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[१५६
६.६.७१०.१२.२
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