Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 470
________________ भासय] शब्दकोश [१६५ -भणंति २.५.१. भल्लिम-भद्रत्व ( = भलाई) ३.५.७,१०.२.७१०.१३.११ भा० द्वि० ए० भणु ३.६.१ Vभव-भू ( - होना) पू० कृ० भणेवि १.११.८६.१५.१० वित तृ० ब० भवहिं १४.२८.६ क्रि० कृ० भणिवि ५.११.८ भव-त स (१ = संसार ) २.१६.६ प्रे० भू० कृ० भणाविय ६.६.६ (२=जन्म ) १.१.१३;२.८.३,३.८.८ भणण-( =कथन ) १.१५.२,९.३.५ भवंतर-भव + अंतर ( = अन्य जन्म ) ४.११.१२,५.१०.६ भत्ति-भक्ति १.३.१,२.१२.३ भविय-भविक १.१.१२,४.८.१२ -भत्तिवंत १.८.८३.३.३,५.६.३६.११.१० भवियण-भविक जन ३.१२.६ भइयर-भद्रतर ( हाथियोंका एक प्रकार )१.२३.. भवियायण-मविक+जन १५.८.३,१५.१०.. भद्दासण-भद्र + आसन १.६.६ भव्व-भव्य ७.१.७१७.१.६ *भसल-भ्रमर (हे. १.२४४; दे. ना. ६.१०१) vभम-भ्रम् १.४.४,१४.४.४ वर्त तृ० ब० भमहि ३.८.. -भमंति १.११.१३,३.८.११ Vभा ( = चमकना) वि. तृ.ए. भमउ (भ्रमतु) १.२.८ वर्त० तृ० ए० भाइ १२.६.१० वर्त० कृ० भमंत १.१३.१२१.२१.३;६.१०.५ भाड-(=बड़ा चूल्हा ) १४.५.७ -भमंतब २.६.१०२.१२.४ भादलपुरि-भद्रिकापुरी १७.१२.५ पू० कृ० भमि १५.६.५ भामंडल-त स १५.८.. -भमेवि १५.६.६ भाय-भ्रातृ ( = भाई ) १.१५.८,१.१६.४ कर्म वर्त० तृ० ए० भामिजइ ६.१६.८ भाय-भाग १६.१४.२,१७.१७.७ प्रे० पू० कृ० भामेवि १२.३.८ भायण-भाजन (=पात्र) १३.१४.३ -भमाडिवि (हे. ४.३०) ११.१३.११ भायणिज-भागिनेय ( =भानजा) ५०.१३.६ प्रे० भू० कृ० भामिय १३.४.११ भायर-भ्रातृ ( = भाई ) १.१३.११.१७.७ भय-त स १.१.९,२.७.११ (बहुशः) भार-त स २.६.६,२.१२.८३.१३.१०७.१३.. भयंकर-त स १.२२.११७४.११.३ -भर ६.७.६ भयाणा-भयाणय (=भयानक ) ९.४.६ भाव-त स १.१.3३.१६.५ Vभाव-(=पसन्द आना) भयाणय-भयानक १३.... वर्त० त० ए० भावइ १.६.८.२०.१० भयावण-भयानक १.१४.१२:११.११.६ भयावणि-भय + आपन + स्त्री प्रत्यय ( - भय प्राप्ति) ११.१.४ (२८ चिन्तन करना) वर्त० त० ए० भावइ ४.२.. भर-( =प्रचुरता ) ३.६.८ आ० द्वि० ए० भावि ३.१५.१२ भरह-भरत (= नाटय शास्त्रके प्रणेता) २.१.४३६.६.५. वि.द्वि. ए. भाविजहि ४.१. भरह-भरत ( = पहिला चक्रवर्ती ) १७.११.१ कर्म (?) भाविज १८.३.. भरह-भारत ( वर्ष) १३.२०.८ वत० कृ० भावंत ३.१.१०:५.११.१ -भरहवरिस ८.१४.७ -भारहवरिस १८.१३.. पू० कृ० भाविवि ३.१२.२ भावज्ज-भ्रातृजाया (=भाभी) १.१४.११.१५.१ -भरहवास ८.१.३ भावण-भावना ८.१७.१ भरहच्छ-भूगुकच्छ ११.५.१० -भावणा ४.२.१ भरहाइ-भरत + आदि २.७.५ भावण-(भवनवासिदेव)८.१३.३,१७.२ भरिय-( = भरा पूरा) २.७.१०६.८.७६.१०.१०; भविस-भविष्य १.२.२ ६.११.१३,११.५.15 भास-भाषा है.६.६ भल्ल-भल्ली-( =भाला) १०.६.३;११.३.६ भासय-भाषक १५.१०.१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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