Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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पुलिण]
शब्दकोश
[१६१
पावाला-प्रवाल १०.५.७ पाविट्ठ-पापिष्ठ १.१४.६;७.१.४ पास-पार्श्वनाथ १.१.२ (बहुशः) पास-पार्श्व ( = समीप-हि-पास) ४.६.६,११.६.११.१३.२०.६;
१७.२३.४ पास-पाश ३.१०.४ कैपासत्थ-पावस्थ (= शिथिलाचार साधु ) ४.६.२. पाहण-पाषाण २.१२.१ पाहुड-प्राभृत (=भेंट) ७.४.८६.२.४६.६.८ पि-अपि १.२.६ पिंडु-पिंट (=शरीर) २.२.११५.११.२,१३.१०.१० पिंगल-तस (= लाल) १४.१५.४ पिक्ख-(देखिए पेक्ख) पिच्छ-(=पंख) १४.१४.५ पिट्टि-पृष्ट ११.६.२
-पुट्ठि ११.६.२ Vपिय-पा-पिबति ( = पीना)
वर्त तृ० ए० पियइ ४.१.८,४.१.१२ वर्त० त० ब० पियंति ३.१४.१०,१३.१०..
पू० कृ० पिएवि ४.१.१० पिय-प्रिय (= पति) १.८.७११०.४.१४.६
सी-पिय ६.१२.१३
-पियारी (प्रियतरा) १.१.५,१.१.८ पिय–प्रिय (विशे०) ३.४.१,४.४.८ पिययम-प्रियतम ६.१.११ पिय-पितृ (=पिता) १.१५.८,२.६.१५.४.१;७.१२.८%3B
१०.१.४ पियंगु-प्रियंगु १०.५.५,१४.११.४,१७.१३.५ पियणा-पृतना (=सेनाका एक भाग) १२.५.७ पियामह-पितामह १.२१.१० पिसाय-पिशाच १४.१८.३ पिसाइणि-पिशाचिनी ११.१८.१३ पिसुण-पिशुन १.४.१,१.४.११ पिहियासव-पिहितास्त्रव (-मुनिका नाम) २.१५.६,३.४.१. पिहुल-पृथुल १.७.१,१२.२.५ पिहुलत्त-पृथुलत्व १६.३.३ पीड-पीडा ५.१०.४१.३.३ पीडाउर-पीटातुर १२.७.५ पीढ-पीठ १.१६.५:८.३.१२
(= उच्च भूमि) ७.१.६ पीण-पीन ५.२.४,६.११.११
पीवर-त स ६.६.१३ 'पुंगव त स (= श्रेष्ठ) १.११.६,१८.१६." पुंज-त स (=समूह) ४.११.६६.१.२८.१५.. पुंड-पुंडू (= इक्षु) १४.२.५ पुंडरिय-पुंडरीक ( =छठवाँ वासुदेव) १७.२१.२ पुंसुलि-पुंश्चलि १३.६.८ पुक्खरड्ढ-पुष्करार्ध (द्वीप) ४.१०.८ पुग्गल-पुद्गल १४.५.२ Vपुच्छ-पुंछ-पृच्छ (=पूछना)
वर्त० कृ० पुच्छंत १.२१.४१.२१.५ भू० कृ० पुच्छिय ४.७.६;१८.१.४
-पुंछिय ६.१४.६
पू० कृ० पुच्छिवि १.१३.६ पुच्छ-(=पूंछ) ३.१०.६ Vपुन-पूजय् (= पूजना) ३.१०.६
वर्त० तृ० ए० पुजइ ६.८.४ वि० द्वि० ए० पुजिज्जहि ४.६.५ भू० कृ. पुजिय २.१५.१०,१३.३.३;७.१.३
वि. कृ. पुज ८.१५.७११.६.१२ पुजा-पूजा ३.१३.६
पुड-पुट १५.६.२ पुणु-पुनः १.१.२. (बहुशः) पुणरवि-पुनः + अपि २.७.८ पुण्ण-पुण्य २.२.७६.१२.५ कैपुण्णालि-पुंश्चली (दे० ना० ६. ५३) १.१२.५,१.१७.३ पुण्णवंत-पुण्यवान् २.१६.३,५.३.२
सी० पुण्णवंती ८.१०.११ पुण्णाय-पुन्नाग (=एक वृक्ष) १४.२.३ पृण्णावलेस-पुण्यावलेश (=जिसमें कुछ पुण्य हो) १८.१५.४ पुण्णिम-पूर्णिमा ७.११.५ पुत्त-पुत्र १.१०.१०,२.५.४ (बहुशः) पुप्फमाल–पुष्पमाला ५.२.१ पुष्फयंत-पुष्पदन्त (= नौवां तीर्थकर ) १७.१०-५ पुर-त स ( = नगर ) १.१८.१०,२.३.८ पुरंदर-त स (=इन्द्र) ८.२०.१ पुरिस-पुरुष (१ = जीवात्मा) ३.३..
(२)= पुरुष १.१६.८; १७.३.४ पुरिसयार-(पौरुष ? ) १-१८.. पुरिससीह-पुरुषसिंह (पाँचवाँ वासुदेव) १७.२१.२ पुरिसोत्तम-पुरुषोत्तम ( =चौथा वासुदेव ) १७.२१.. पुलिण-पुलिन (= तट ) १-१६.२६.४.२;७.७.६; १४.२२.५
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