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प्रस्तावना
विभक्ति आती है तथा ये अधिकरण का अर्थ व्यक्त करते हैं। सिरि ११. २. १०; तुंडि १२. १३.१३ तथा मत्थइ ८. १२. १० भी इसी अर्थ में प्रयुक्त हुए हैं। (७) सर्वनामों की कारक रचना (अ) प्रथम पुरुष सर्वनाम- अस्मद्
कर्ता एकवचन- हउँ १. २. ५, १. १७. ७, १०. १. ६, १०. १.७. कर्ता बहुवचन- अम्हे ७. ११. ४, -अम्हइँ २. ५. ५, ८. १२.१० कर्म एकवचन- मइँ ६. १७. १३, बहुवचन-अम्हइँ १३. १३. ६, १८. ११. १०, करण एकवचन- म. १.१४. ८, १.१९. ७, ८. ८. ६, संबंध एकवचन- महो १. १४. ९, महु १. ३. ३, १. ३.१., १. ४. ७., १३. ९. ९, मझु १. १६. ९,
२. ४. ८, १०. ८. ७, ११. १०. ९, बहुवचन-अम्हहँ १. १. १३, १. १५. ८, १०.
१. १३, १०.२.६,१८.१२. २, अम्ह १. १५. ४, २. ४. ९, ३. १३. ६, अधिकरण एकवचन -- म. १०. १. १२, (आ) द्वितीय पुरुष सर्वनाम- युष्मद्
कर्ता एकवचन-तुहुँ १. १६. २, १. २१. ९, १०. १. १२, बहुवचन-तुम्ह. २. १०. ३, १३. १८. ४, कर्म एकवचन-पइँ २. ५. १२, १०. १. १०, १०. २. ७, करण एक वचन–पइँ ११. १०. १८, १०. २. ५ संबंध-एकवचन-तव १. १६.१२.-तउ १. १६. २, ८. ९. २, १०. १. ११, ११. १०. १८,-तुज्झु.
११. १०. १९, ८. ९. ९, -तुह. ७. ११. ७, ८. १०. ११, बहुवचन—तुम्हहँ १. १५.
७, १८. १२. २,-तुम्ह २. ४. ९ (इ) अन्य पुरुष सर्वनाम(.) निर्देशवाचक स
पुल्लिंग
स्त्रीलिंग
नपुंसकलिंग कर्ता एकवचन
सो. १. ३.४
सा. १.३.२ तं १. ६. १ स १.१२. ५ तं १३. २. १
१३. ३. १०. बहुवचनते. १. २. २.
ताऊ ८. ४. ८ ताइँ १. १७. ४,
८.२३.१० कर्म एकवचनतं १.१६.७,
सा ६.११. ८
१३. ५.३ बहुवचन
ते १. २. २. करण एकवचन-- तें १.८.४
शेष रूप तेण १.११. ४
ते ६. १. ९ पुल्लिंग के समान हैं
___ता
ताए
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