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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
के बाए) की श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर 'सुविधिनाथ'
उत्कीर्ण है। उत्थापित धातु की प्रतिमाएं एवं यंत्र :
श्री वासुपूज्य भगवान की 6" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 1501
मिगसर वदि 3 का लेख है। 2. श्री जिनेश्वर भगवान की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर स. 1181 उत्कीर्ण
है। यह प्रतिमा की बनावट मेवाड़ में वर्तमान उपलब्ध प्रतिमाओं में से कुछ भिन्न हैं। श्री पद्मप्रभ भगवान की 6" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 1532 ज्येष्ठ शुक्ला 3 का लेख है। श्री सुमतिनाथ भगवान की 6" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 1535
आषाढ़ शुक्ल 6 का लेख है। 5. श्री जिनेश्वर भगवान की 1.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र 5' गोलाकार है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री सिद्धचक्र यंत्र 4.5" x 4.5' का है। इस पर संवत् 1904 माह सुद 10 का लेख है। श्री सिद्धचक्र यंत्र 4'' x 4' का है। इस पर सं. 2059 भादवा शु० प्रतिपदा का लेख है।
श्री अष्टमंगल यंत्र 5" x 3' का है। इस पर कोई लेख नहीं हैं। दोनों ओर के आलिए में: 1. श्री गौमुख यक्ष की स्थानीय पाषाण की 10" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.
1998 माघ सुदि 2 का लेख है। 2. श्री चक्रेश्वरी देवी की स्थानीय पाषाण की 10" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.
1998 माघ सुदि 2 का लेख है। सभामण्डप (रंग मण्डप) में बाहर निकलते समय (बाएँ) – श्री शीतलनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की पुरानी 37" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1484 वैशाख सुदि 2 का लेख है।
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