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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
इस मंदिर में उत्थापित चल चार प्रतिमाएँ है जो विभिन्न नाप की है : सभामण्डप में : (दांई ओर)
1. श्री माणिभद्र यक्ष की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। 2. श्री गोतम स्वामी की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है।
3. श्री सरस्वती देवी की श्वेत पाषाण की 6" ऊंची प्रतिमा है। निज मंदिर से बाहर निकलते समय दोनों ओर आलिओं में -:
1. श्री तुबरू यक्ष की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है।
2. श्री महाकाली पाक्षिणी की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। मूल मंदिर के बाई ओर मंदिर में :1. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 17" ऊंची प्रतिमा है।
इस पर सं. 1931 माध शुक्ला 10 का लेख है। 2. श्री वासुपूज्य भगवान की (मूलनायक के दाएं) पीत पाषाण की 14" ऊंची
प्रतिमा है। इस पर सं. 1931 शाके 1796 माध शुक्ला 10 का लेख है। 3. श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) पीत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1931 का लेख है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र श्याम पाषाण का गोलाकार 31" का है। मूलमंदिर के दाहिनी ओर मंदिर में :1. श्री नेमिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 17" ऊंची प्रतिमा है।
इस पर सं. 1931 का लेख है। 2. श्री ऋषभदेव भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊंची
प्रतिमा है। इस पर सं. 1931 का लेख है। 3. श्री महावीर भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 10" ऊंची
प्रतिमा है। इस पर सं. 1931 का लेख है।
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