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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
6. श्री माणिभद्र वीर की श्वेत पाषाण की 9" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं.
2014 का लेख है। क्षेत्रपाल की श्वेत पाषाण की 9" ऊंची मूर्ति है।
मंगल मूर्तिया स्थापित है। पीछे की ओर: (एक देवरी में)
श्री जिनकुशल सूरि जी की चरण पादुका जोड़ी श्वेत पाषाण की 4' की 10"x10" चौकी पर स्थापित है। इसकी प्रतिष्ठा वि. सं. 2052 फा. वदि 11 (सन् 1996) में प्रतिष्ठा हुई। पुरानी प्रतिमाएं श्री शीतलनाथ, आदिनाथ, की है तथा नूतन शीतलनाथ विमलनाथ व अरनाथ भगवान की प्रतिमा की प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। इस मंदिर की देखरेख समाज की ओर से श्री कन्हैयालाल जी द्वारा की जाती
सम्पर्क सूत्र :मोबाइल: 96362 97027
'सभ्यता' 'समकित' की निशानी है और 'एटीकेट' 'मिथ्यात्व' की निशानी है।
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