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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु की: 1. श्री जिनेश्वर भगवान की 8" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1501 माध सुदि
5 का लेख है। 2. श्री शांतिनाथ भगवान की 9" ऊंची पंचतिर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2050
का लेख है । का लेख है। श्री जिनेश्वर भगवान की 9" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2050 का लेख
6.
श्री अष्टमंगल यंत्र 6"X3.5" का है। कोई लेख नहीं है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकर 6" का है। कोई लेख नहीं है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 5.5" का है। कोई लेख नहीं है। श्री ताम्बे का यंत्र 9"x9" का है। इस पर इंद नमस्कार यंत्र पढ़ने में आता है। श्री ताम्बे का यंत्र 8x8" का है। इस पर सं. 1889 माध सुदि 5 का लेख
8.
निज मंदिर के बाहर:
श्री धरणेन्द्र देव की श्वेत पाषाण की 9" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत
2028 ज्येष्ठ वदि 2 बुधवार का लेख है। 2. श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस प संवत्
2028 ज्येष्ठ वदि 2 बुधवार का लेख है। सभामण्डप में: 1. श्री माणिभद्र की प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा एक अनुपम निराली है,
अन्य स्थान पर दिखाई नहीं देती। 2. श्री क्षेत्रपाल की 21" ऊंची प्रतीक मूर्ति है। विशेषता:
पूजा पढ़ाते समय सम्पूर्ण गर्भगृह में अमीझरा की वर्षा हुई उसी दिन से अमीझरा पार्श्वनाथ नाम से जाना जाता है।
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