Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

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Page 276
________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की: 1. श्री शांतिनाथ भगवान की 8" ऊंची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2065 चेत्र वदि 5 का लेख है। 2. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 6" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। 3. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 6" का है। इस पर सं. 2064 का लेख है। 4. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 3" का है। इस पर कोई लेख नहीं है। निज मंदिर के बाहर: 1. श्री बह्म यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। 2. श्री अशोका देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। सभामण्डप में :1. श्री नाकोड़ा भैरव की पीत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। 2. श्री गौतम स्वामी की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इन दोनों प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा सं. 2061 पोष सुदि 6 को सम्पन्न हुई। 3. श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। बाहर बड़ी देवरी में: 1. श्री जितेन्द्रसूरिजी म.सा. प्रतिमा स्थापित है। इसकी प्रतिष्ठा सं. 2065 वैशाख वदी 13 को कराई। श्री जितेन्द्रसूरिजी की आचार्य पदवी इसी ग्राम में प्रदान की थी, अतः अब भविष्य में बड़ी प्रतिमा बनवा कर स्थापित कराने का प्रस्ताव है। मंदिर के साथ उपाश्रय, दो भोजनशाला, प्रवचन हॉल बना हुआ है। मंदिर की व्यवस्था समाज की ओर से श्रीझमकलाल जी मेहता व सुनिल जी व श्रीउमराव सिंहजीचौधरीदेखते हैं। सम्पर्क सूत्र : 01478-240019, 240064,94138 946200 Jain Education International For PSP (558 Private Use Only www.jainelibra y org

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