Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 299
________________ 2. 3. 1. 2. उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु की: 3. Jain Education International श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, केसुन्दा श्री अजीतनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 11” ऊंची प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट लेख है। श्री विमलनाथ भगवान की 7" ऊंची पंचतीर्थी यह घुमटबंद मंदिर छोटी सादड़ी से 18 व नीमच से 6 किलोमीटर दूर ग्राम के मध्य स्थित है। उल्लेखानुसार यह मंदिर 1925 का समाज द्वारा निर्मित है। अतः करीब 140 वर्ष प्राचीन है । इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट लेख है । प्रतिमा है। इस पर संवत् 1518 माघ शुदि 10 का लेख है । मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 श्री पार्श्वनाथ भगवान की 3.5" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है । श्री नेमिनाथ भगवान की चतुर्विशंति 5 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सन् 2049 का लेख है । श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक ) की श्वेत पाषाण की 12" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1745 का लेख है। For Personal 281 Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 297 298 299 300 301 302 303 304