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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्रीकुंथुनाथ भगवान का मंदिर, बड़ी सांखली यह शिखरबंद मंदिर पूर्व में कच्चा केलूपोस मंदिर था और न ही सभामण्डप और न ही स्तम्भ था, उस स्थान पर चूने का व बाद में पक्का मंदिर सन् 2005 में कराया और प्रतिष्ठा श्री हर्ष तिलक सूरि जी की निश्रा में सम्पन्न हुई। यह नूतन मंदिर केवल 5 वर्ष के पूर्वकाहै।पूर्वकी(प्राचीन )प्रतिमा बाहर बिराजमान कराई है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं : 1. श्री कुंथुनाथ भगवान की
(मूलनायक) श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
सं. 2061 का लेख है। 2. श्री सुमतिनाथ भगवान की
(मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2061 ज्येष्ठ |
शु. 15 का लेख है। 3. श्री नेमिनाथ भगवान की श्याम
पाषाण की 5" ऊंची प्रतिमा
है।
4. श्री वासुपूज्य भगवान की
(मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं.
2061 का लेख है। उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु की:
1. श्री जिनेश्वर भगवान की 8.5" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। 2. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 3.5" का है। इस पर संवत् 2051 वै. शु. 5 का
लेख है।
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