Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

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Page 293
________________ 3. 4. 5. 6. বশ Jain Education International श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर, छोटी सादड़ी यह शिखरबंद मंदिर प्रतापगढ़ से 40 व चित्तौड़गढ़ से 40 किलोमीटर दूर ग्राम के मध्य में स्थित है। यह मंदिर समाज द्वारा सं. 1901 में निर्माण कराया । इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. For P श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 3 ऊंची प्रतिमा है । श्री नेमिनाथ भगवान की (मुनिसुव्रत भगवान) मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 9 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1545 का लेख है। लांछण व लेख स्पष्ट नहीं है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 21 " ऊंची प्रतिमा है । इस पर सं. 1901 का लेख है । मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 2. है। श्री चन्द्रप्रभ भगवान की श्वेत पाषाण की 7" ऊंची प्रतिमा है। यह प्रतिमा श्री केशरीमल जी मांगी बाई ने पदराई । 275 श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 18* ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1901 शाके 1766 पौष शुदि 15 का लेख है । श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्याम पाषाण की 22 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1901 पौष सुदि 15 का लेख rivate Use Only www.jainelibrary.org

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