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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
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उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु की: ___ 1. श्री अनन्तनाथ भगवान की 11“ऊंची चतुर्विशंति प्रतिमा है। इस पर स.
1565 वै. शु. 8 शनि का लेख है। श्री जिनेश्वर भगवान की 8.5": पंचतिर्थी प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट अपठनीय लेख है। श्री जिनेश्वर भगवान की 8" ऊंची पंचतिर्थी प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट अपठनीय लेख है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 10 का है। इस पर संवत् 1901 का लेख है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 9" जर्मन सिल्वर का है। इस पर सं. 2006
चैत्र शुदि 5 का लेख है। निज मंदिर के बाहर आलिओं में: ___ 1. श्री क्षेत्रपाल की 15" ऊंची प्रतीक मूर्ति है।
2. क्षेत्रपाल की 11" ऊंची प्रतीक मूर्ति है। सभामण्डप में
श्रीगौमुख यक्ष की श्वेत पाषाणा की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
शिवलाल जी भेरूलाल जी नागोरी पढ़ने में आता है। 2. श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर जंयत
विजय जी पढ़ने में आता है। सभामण्डप में निम्न पट्ट है :
सम्मेत शिखर जी, शत्रुजय, श्रेयांसकुमार द्वारा पारणा कराते हुए, नागेश्वर पार्श्वनाथ केसरिया जी, अष्टापद, गौतमस्वामी, महावीर भगवान का जीवन, महावीर का उत्सर्ग सिद्धचक्र यंत्र बने हैं। निज मंदिर में कांच की जड़ाई की गई है।
सभामण्डप में नीचे टाइल्स व ऊपर चित्रकारी का कार्य किया हुआ है। प्रथम मंजिल पर:- चतुर्थमुखी मंदिर (चौमुखा जी) 1. श्री आदिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है।
श्री शांतिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। 3. श्री शीतलनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। 4. श्री महावीर भगवान की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है।
इन चारों प्रतिमाओं पर संवत् 1914 का लेख है।
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