Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

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Page 290
________________ मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 3. निजमादर के बाहर: आलिओं में : ____ 1. श्री धरणेन्द्र देव की श्वेत पाषाण की 14" ऊंची प्रतिमा है। इस पर वीर सं. ___2501 का लेख है। 2. श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। सभामण्डप में: 1. श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 12" ऊंची प्रतिमा है। इस पर वीर सं.. 2051 का लेख है। 2. श्री गौतम स्वामी की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। श्री नाकोड़ा भैरव की श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2041 का लेख है। श्री विजय जयदेवसूरि म. सा. की श्वेत पाषाण की 19" ऊंची प्रतिमा है। इस सं. 2044 का लेख है। श्री सुरेन्द्र सूरि म.सा. की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। परिक्रमा क्षेत्र में तीन मंगल मूर्तिये हैं, सिद्धचक्र यंत्र, बीस स्थानक यंत्र स्थापित है। दीवार पर श्री पार्श्वनाथ भगवान के विभिन्न 34 पट्ट लगे है। मंदिर के साथ आराधना भवन है। मंदिर का उपाश्रय बना हुआ है। वार्षिकध्वजापोष सुदि 15 को चढ़ाई जाती है। सम्पर्कसूत्र: 9680197319,01479-261254 मंदिर की व्यवस्था समाज की ओर से निम्न सदस्यों द्वारा की जाती है1.श्रीमथुरालाल जी मेहता, 2.श्रीप्रेमकुमारजीमेहता, 3.श्रीसुन्दरजीमेहता (मो.90013 38409) मंदिर के पास महावीर गौशाला संचालित है। Jain Education International For PC 272 vate Use Only www.jainelibrary.org

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