Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

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Page 288
________________ 5 श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, रमावली (छोटीसादड़ी) यह शिखरबंद मंदिर छोटी सादड़ी से 15 किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ मार्ग पर ग्राम के मध्य में स्थित है। यह मंदिर करीब 100 वर्ष प्राचीन है। जीर्ण शीर्ण हो जाने से नूतन मंदिर 15 वर्ष पूर्व बनाया गया। इसका एक गर्भगृह, दो सभामण्डप है । इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं: श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 17" ऊंची प्रतिमा है। इस पर वीर सं. 2413 का लेख है । 1. 2. मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 3. Jain Education International श्री सहस्त्राफणा पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दांए) श्याम पाषाण की 23" परिकर सहित । ऊंची प्रतिमा है। इस पर स. 2053 मा. शु. 3 शुक्रवार का लेख है। श्री सहस्त्राफणा पार्श्वनाथ की (मूलनायक के बाएं) श्याम पाषाण की 21' (परिकर सहित) ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2042 का लेख है। "मावली पालना भग For Perene & Private Use Only 270 www.jainelibrary.org

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