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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्रीमुनिसुव्रत भगवान का मंदिर, निनोर
यह शिखारबंद मंदिर श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर के पास ही अर्थात जुड़ा हुआ ही है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्व में मूलनायक के रूप में श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिमा विराजमान थी, किन्ही कारणों से मूलनायक श्री आदिनाथ को अपने | स्थान से हटा कर मुनिसुव्रत भगवान की प्रतिमा विराजमान कराई।
जिसके फलस्वरूप समाज में अशांति होने लगी तो अन्य आचार्य से पूछने पर ज्ञात हुआ कि मुनिसुव्रत भगवान का विराजनाउपयुक्त नहीं है, अतः आदिनाथ की प्रतिमा मूलनायक के रूप मे पुनः विराजमान कराई और मुनिसुव्रत भगवान का मंदिर पास ही बनवाकर श्री मुनिसुव्रत भगवान की प्रतिमा को भी मूलनायक के रूप में विराजमान कराई। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : ___1.
श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 19" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2035 वै. शु. 3 का लेख है। श्री श्रेयांसनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2050 ज्येष्ठ शु. 15 का लेख है।
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