________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
निज मंदिर के बाहर दाहिने आलिए में ___1. श्री चन्द्रप्रभ भगवान की श्याम पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। बाई ओर: ___ 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 8" ऊंची प्रतिमा है। सभामण्डप में पृथक-पृथक आलिओं में :दाई ओर : 1. श्री सुमतिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
सं. 2035 वै. शु. 3 का लेख है। 2. श्री मणिभद्र यक्ष की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं.0
2063 फा. शु. 13 का लेख है। बाई ओर
1. श्री कुंथुनाथ की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची है। इस पर सं. 2035 का लेख
श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं 2063 फा. शु. 13 का लेख है। पीछे – श्री सिद्धचक्र यंत्र स्थापित है। वार्षिकध्वजा ज्येष्ठ सुदि2 को चढ़ाई जाती है। इस मंदिर की व्यवस्था समाज की ओर से श्री बाबूलाल जी छाजेड़ व श्री भेरूलालजीमुणेतद्वाराकीजाती है। मोबाइल : 9414672958
तप करते समय कषाय करने से अच्छा है कि
तप ही न करें।
Jain Education International
For Pers,263gte Use Only
www.jainelibrary.org