Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

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Page 275
________________ मेवाड़ के जैन तीर्था भाग 2 श्री शीतलनाथ भगवान का मंदिर, दलोट यह शिखारबंद मंदिर 200 वर्ष प्राचीन है लेकिन अपरिहार्य कारणों से नष्ट हो जाने से इसी स्थान पर नूतन जिनालय बनवा कर और नूतन रूप से प्रतिष्ठा कराई गई।गुरू प्रेरणा से श्री उमराव सिंह मूलचन्द जी चौधरी व मूलचंद जी कचरमलजी ओस्तवाल ने भूमि दान में दी और मंदिर बनवाया। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री शीतलनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2044 चैत्र वदि 7 दिनांक 10.3.88 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2044 का लेख श्री महावीर भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2044 का लेख है Jan Education International For Persona 57ae Use Only www.jainelibrary.org

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