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3.
2.
उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की :
1.
1.
2.
3.
निज मंदिर के बाहर :
1.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
श्री नेमिनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्याम पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1883 वै. शु. 3 बुधवार का लेख है ।
सभामण्डप में :
3.
श्री गौतम स्वामी की श्वेत पाषाण की 13 ऊंची प्रतिमा है। श्री क्षेत्रपाल की 9 ऊंची प्रतिमा है।
श्री सरस्वती देवी की श्वेत पाषाण की 6" ऊंची प्रतिमा है।
श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। बाहर छत्री में :
1.
सिद्धचक्र यंत्र स्थापित है।
यहां पर शत्रुंजय, गिरनार, सम्मेद शिखर आबू, अष्टापद तीर्थ के पट्ट है। मंदिर के साथ 25 बीघा जमीन है। जिसे प्रत्येक वर्ष (एक वर्ष के लिए) लीज पर दी जाती है ।
4.
श्री वासुपूज्य भगवान की 8.5 ऊंची पंचतिर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2049 माध शीर्ष 5 का लेख है ।
श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर सं. 2049 का लेख है।
श्री अष्टमंगल यंत्र 6X3.5" का है।
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श्री गौमुख यक्ष की श्वेत पाषाण की 10 ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2049 का लेख है।
श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 7" ऊंची प्रतिमा है।
मंदिर के पास उपाश्रय है पुजारी नहीं है, स्थानीय समाज के सदस्य ही बारी बारी से ही पूजा, सफाई करते हैं।
इस मंदिर की देखरेख समाज की ओर से श्री प्रभुलाल जी मुणेत द्वारा की जाती है। सम्पर्क सूत्र - 01479-241076
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