Book Title: Mewar ke Jain Tirth Part 02
Author(s): Mohanlal Bolya
Publisher: Athwa Lines Jain Sangh

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Page 271
________________ यह शिखरबंद मंदिर अरनोद से 20 किलोमीटर दूर ग्राम के एक छोर पर स्थित है। रायपुर नाम का कस्बा जो 15 किलोमीटर दूर है, नष्ट हो गया, वहां पर आज भी खण्डहर विद्यमान है। किसी भी प्रकार मंदिर की तीन प्रतिमाएं सुरक्षित रह गई जिसको दलोट के समाज वाले ले जाने चाहते थे जिसको स्थानीय समाज ने नही ले जाने दिया जिसमें स्थानीय जागीरदार ने भी सहयोग किया मंदिर के लिए भूखण्ड क्रय किया गया ओर मंदिर निर्माण करा प्रतिमाओं को विराजमान कराया। इस मंदिर का निर्माण 20 वर्ष पूर्व हुआ है । यहाँ के शासक महाराव विक्रमसिंह के पुत्र सुर्जनदास के पुत्र रामदास के वंशधर है, सं. 1665 में सरदार रामदास ने राठौड़ को परास्त कर रायपुर बसाया। प्राचीन रायपुर में मंदिर सं. 1750 में बनने का उल्लेख है 1 इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. 2. श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर, रायपुर (अरनोद) n Education International श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक ) श्याम पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1883 वै. शु. 13 बुधवार का लेख है । श्री शांतिनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्याम पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2 है। इस पर सं. 1883 वै. शु. 13 बुधवार का लेख है । For Pers253Pivate Use Only www.jainelibrary.org

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