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4.
5.
1.
निज मंदिर के बाहरउत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की :
प्रतिमाएँ पंचतीर्थी - 5
श्री सिद्धचक्र यंत्र (दो चांदी, एक ताम्बे ) - 3
1.
2.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
निज मंदिर के बाहर :
श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 14 ऊंची प्रतिमा है ।
2.
श्री पार्श्वनाथ भगवान की (बाएँ) श्वेत पाषाण की 14 ऊंची प्रतिमा है । इस पर सं. 1701 का लेख है ।
3.
सभामण्डप में :
1.
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श्री गरूड़ यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है । इस पर वीर सं. 2510 का लेख है।
श्री निर्वाणी देवी की श्याम पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर वीर सं. 2510 का लेख है।
पृथक पृथक आलिओं में :
1.
श्री सिद्धचक्र यंत्र श्वेत पाषाण में निर्मित है। इसकी निरन्तर प्रत्येक दिन पूजा होती है।
श्री अम्बिका देवी का श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2064 का लेख है।
श्री गौतम स्वामी की श्वेत पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2064 का लेख है।
श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 21" ऊंची प्रतिमा है । श्री सम्मेद शिखर व शत्रुंजय, गिरनारजी तीर्थ के पट्ट बने है।
मंदिर की वार्षिक ध्वजा माह सुदि 15 को चढ़ाई जाती है ।
समाज की ओर से मंदिर की देखरेख श्री कान्तिलालजी सागरमलजी दोशी व
श्री चाँदमल जी चिपड़ द्वारा की जाती है ।
सम्पर्क सूत्र : 01478-222836, 222636
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