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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री क्षेत्रपाल (माणिभद्र) की 9" ऊंची मूर्ति है। मंदिर की प्रतिष्ठा श्री राजेन्द्र सूरि औंकार सूरि, अरविन्द सूरि, यशोभद्र विजय जी के द्वारा सं. 2055 फागुन शुदि 10 (दिनांक 28.02.1996) को जिर्णोद्वारा करा कर सम्पन्न हुई। ग्राम में जैन समाज का कोई सदस्य नहीं रहता है। मंदिर की 9 बीघा जमीन है जो पुजारी के पास है तथा मंदिर का उपाश्रय है। वार्षिकध्वजा फाल्गुन सुदि 10 को चढ़ाई जाती है। मंदिर की देखरेख समाज की ओर से प्रतापगढ़ के श्रीमोतीलालजी बोहरा द्वारा कीजातीहै। सम्पर्क सूत्र-93519 60797 स्थानीय स्तर पर श्रीगोपाल जीशर्मा (पुजारी)द्वारा की जाती है। सम्पर्कसूत्र-9414736266
खुद का सुख दूसरों को देने का मन होता है, वह 'सत्संग' है।
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