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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
1.
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श्री
श्री आदिनाथ भगवान का मंदिर, अमलावद यह शिखरबंद विशाल मंदिर प्रतापगढ़ से 7 किलोमीटर दूर है। समाज के सदस्यों के कथानुसार यह मंदिर 600-700 वर्ष प्राचीन है।प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख से भी इसकी पुष्टि होती है।उल्लेखनुसार इसका निर्माणसं.1995 का बतायागया है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं :
श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 13" ऊंची प्रतिमा है। इस संवत् 1913 फा. शु. 2 गुरूवार का लेख है। श्री . पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्याम पाषाण की 18" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
कोई लेख नहीं है। 3.
श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्याम पाषाण की 17" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
सं. 2003 माध शुद 7 का लेख है। उत्थापित चल प्रतिमाएँवयंत्र धातु की: 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 15" ऊंची
है। इस पर सं. 2055 ज्येष्ठ शुक्ला 12 का लेख है। श्री शांतिनाथ भगवान की 7" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1590 का लेख है। श्री जिनेश्वर भगवान की तीन प्रतिमाएं काउसग्ग मुद्रा की 3" ऊंची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1535 का लेख है। (एक ही स्टेण्ड पर) श्री संभवनाथ भगवान की 12" ऊंची प्रतिमा है। इस पर अचलगच्छीय
लेख दिनांक 15.02.2009 का है। 5. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 6" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1511 का लेख
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