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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, प्रतापगढ़
___ यह शिखरबंद मंदिर नगर के सालमपुरा, मोहल्ले बोहरा की गली में स्थित है। यह मंदिर 500 वर्ष प्राचीन है। इसको सेठ श्रवण जी कोदर जी ने लगभग सं. 1600 में बनवाया। इसको साढ़ा बारह मंदिर कहते हैं। इस मंदिर के प्रथम मंजिल में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं 1. श्री पार्श्वनाथ
भाग वान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 44" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1552 का लेख हे। श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 25" ऊंची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं
3.
श्री शीतलनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 9" ऊंची प्राचीन प्रतिमा है। कोई लेख नहीं है। श्री नेमिनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 27" ऊंची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट अपठनीय लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है।
5.
है।
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